गोरखपुर/एबीएन न्यूज। पूर्वांचल का प्रमुख नगर गोरखपुर एक बार फिर राष्ट्रीय गौरव का केंद्र बनने जा रहा है। आगामी 30 जून और 1 जुलाई को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आ रही हैं। यह पिछले सात वर्षों में चौथी बार होगा जब भारत के राष्ट्रपति का आगमन इस ऐतिहासिक नगर में होगा — और इसका श्रेय जाता है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को, जिन्होंने हर बार राष्ट्रपति के स्वागत हेतु गोरखपुर को विशेष रूप से चुना।
30 जून को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, एम्स गोरखपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी, जहाँ वे छात्रों को स्नातक उपाधियाँ और स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी। 1 जुलाई को वे उत्तर प्रदेश आयुष विश्वविद्यालय, भटहट (पिपरी) का लोकार्पण करेंगी — जो प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। उसी दिन वे महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में ऑडिटोरियम, अकादमिक भवन और पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण, तथा गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास करेंगी। दौरे के अंत में महामहिम राष्ट्रपति गोरखनाथ मंदिर जाकर पूजन-अर्चन भी करेंगी।
बतादें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखपुर में राष्ट्रपति का यह चौथा आगमन होगा। इससे पहले, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन बार गोरखपुर आ चुके हैं।
10 दिसंबर 2018 – महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह में।
28 अगस्त 2021 – आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में।
4 जून 2022 – गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के शुभारंभ में।
अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के आगमन के साथ गोरखपुर की धरती पर राष्ट्र प्रमुखों की उपस्थिति का चौथा ऐतिहासिक अध्याय लिखा जाएगा।
गोरखपुर, अब केवल धार्मिक, सांस्कृतिक या शैक्षणिक पहचान तक सीमित नहीं रहा। एम्स, आयुष विश्वविद्यालय, और गोरखनाथ विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की स्थापना एवं विकास के साथ गोरखपुर अब स्वास्थ्य, शिक्षा और शोध के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि और नेतृत्व में यह शहर निरंतर प्रगति की राह पर अग्रसर है। राष्ट्रपति के दौरे से यह स्पष्ट होता है कि गोरखपुर अब राष्ट्रीय नीतियों और विकास पहलों के केंद्र में शामिल हो चुका है।