सोनभद्र/एबीएन न्यूज। धरती आबा जनजातीय अभियान के तहत जागरूकता एवं जनजातीय सशक्तिकरण शिविर का भव्य समापन आज पंचायत रिसोर्स सेंटर विकास भवन में संपन्न हुआ। समापन समारोह का शुभारंभ मा0 केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उईके एवं मा0 राज्यमंत्री समाज कल्याण विभाग श्री संजीव कुमार गौंड़ ने दीप प्रज्ज्वलन और भगवान बिरसा मुंडा जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री बी0एन0 सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री अशोक कुमार मीणा, अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री जीत सिंह खरवार, प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय गोड़, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष श्रीमती रूबी प्रसाद, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री नंदलाल गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना और करमा नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।
अपने संबोधन में केंद्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उईके ने कहा कि धरती आबा केवल एक योजना नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समाज के अंतिम व्यक्ति तक कल्याणकारी योजनाओं को पहुँचाने का विजन है। उन्होंने बताया कि यह अभियान 15 जून 2025 को प्रारंभ हुआ और 14 जुलाई 2025 को इसका ऐतिहासिक समापन हुआ। अभियान के दौरान 520 जनजातीय बहुल जिलों में 1.36 करोड़ से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया।
मा0 मंत्री ने बताया कि 30 दिनों में ही 11.5 लाख आधार नामांकन, 9.5 लाख आयुष्मान कार्ड, 3.8 लाख जनधन खाते और 7.37 लाख सिकल सेल रोग की स्क्रीनिंग की गई। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री जी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है।

राज्यमंत्री श्री संजीव कुमार गौंड़ ने धरती आबा अभियान को भगवान बिरसा मुंडा के विचारों से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह अभियान जनजातीय गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक प्रयास है। अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री जीत सिंह खरवार ने कहा कि कोई भी विकास तभी सफल होगा जब उसमें स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांग प्रमाणपत्र, शौचालय स्वीकृति पत्र, वनाधिकार पट्टे सहित विभिन्न योजनाओं के स्वीकृति प्रमाणपत्र वितरित किए गए।

समापन अवसर पर मा0 मंत्री ने विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण भी किया। कार्यक्रम ने जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में एक नई उम्मीद और ऊर्जा का संचार किया।