Bhadrakaal on Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार और अटूट विश्वास का प्रतीक पर्व है, जिसे भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए कामना करती है. जबकि भाई जीवन भर बहनों की रक्षा का वचन देता है.
रक्षाबंधन का ये पवित्र पर्व केवल भावनाओं का ही नहीं, बल्कि शुभ मुहूर्त और पंचांग के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है. इस साल रक्षा बंधन का पर्व 9 अगस्त 2025 शनिवार के दिन मनाया जाएगा. लेकिन इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा काल पड़ रहा है. ऐसे में रक्षा बंधन को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बन सकती है.
रक्षाबंधन का समय भद्रकाल में?
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त शनिवार के दिन है. ऐसे में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त भद्रा समाप्त होने के बाद ही शुरू होगा. भद्रा काल में किसी भी तरह का शुभ काम करना वर्जित होता है.
इस साल अगस्त महीने में भद्रा काल का प्रभाव 1,5,8,11,15,18,21,27 और 30 तारीख को रहेगा.
ऐसे में 8 अगस्त 2025 शुक्रवार को भद्रा काल दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 अगस्त 2025, शनिवार रात 1 बजकर 52 मिनट तक है.
राखी बांधने का शुभ समय
8 अगस्त को लगने वाला भद्रा काल 9 अगस्त की रात 1 बजकर 52 मिनट पर खत्म हो जाएगा. इसका मतलब 9 अगस्त की सुबह से लेकर शाम 8 बजे तक का मुहूर्त राखी बांधने के लिए शुभ रहने वाला है. इस बार राखी वाले दिन किसी भी तरह का भद्रा काल नहीं हैं.
बहनें अपने भाइयों को सुबह से लेकर शाम तक किसी भी मुहूर्त में राखी बांध सकती है.
रक्षाबंधन के नियम
- राखी बांधने से पहले भाई की आरती जरूर करें.
- राखी बांधने के बाद भाई-बहन एक दूसरे को मीठा जरूर खिलाएं.
- बहनें रक्षा सूत्र बांधते समय ॐ येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः मंत्र का जाप करें.
- रक्षा सूत्र बांधते समय भाइयों को सिर पर सूती का रुमाल या कपड़ा रखना चाहिए.
रक्षाबंधन भाई-बहन के लिए एक पवित्र पर्व है, लेकिन इसे सही मुहूर्त, विधि और नियम के अनुसार मनाना बेहद जरूरी है. इस बार रक्षाबंधन वाले दिन भद्रा रात के 1 बजकर 52 मिनट में खत्म हो जाएगा. ऐसे में 9 अगस्त की सुबह से लेकर शाम तक राखी बांधने के लिए आपके पास पूरा दिन रहेगा.
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