सोनभद्र/एबीएन न्यूज। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आज दिनांक 29 जुलाई, 2025 को शिक्षकों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार, सोनभद्र में किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को समझने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार करना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि अभिभावकों के बाद शिक्षक ही बच्चों को सबसे बेहतर समझते हैं। शिक्षक न केवल छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान कर सकते हैं, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति की निगरानी कर जरूरत पड़ने पर सहायता भी दिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक छात्रों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, व्यक्तिगत स्वच्छता, पोषण, यौन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर स्कूल स्वास्थ्य गतिविधियों के माध्यम से मार्गदर्शन कर सकते हैं।
सीएमओ ने बताया कि भारत सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए टेलीमानस हेल्पलाइन (टोल फ्री) 14416 चौबीसों घंटे संचालित है। उदासी, तनाव, आत्महत्या के विचार, नशे की लत, मोबाइल की लत, चिड़चिड़ापन और नींद संबंधी समस्याओं के लिए इस पर प्रशिक्षित परामर्शदाता से मदद ली जा सकती है।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं नोडल डॉ. गुलाब शंकर यादव ने शिक्षकों को तनाव प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य का महत्व और छात्रों के साथ प्रभावी संवाद के तरीकों की जानकारी दी। कार्यशाला में विभिन्न रणनीतियों और तकनीकों के माध्यम से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपाय सिखाए गए। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में जनपद के विभिन्न माध्यमिक स्कूलों से कुल 24 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। अधिकारियों ने शिक्षकों को स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां आयोजित कर छात्रों को मानसिक समस्याओं से निपटने में मदद करने पर जोर दिया।