सोनभद्र/एबीएन न्यूज। सोनभद्र की आदिवासी मूल की धांगर जाति के नाम पर जारी फर्जी प्रमाण पत्रों पर रोक लगाने और धांगर को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने के मुद्दे पर ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (एआईपीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने आज अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण वेंकटेश्वर लू से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ एआईपीएफ के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर भी मौजूद रहे।
दारापुरी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत अनुसूचित जाति की सूची में संशोधन करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार को है, फिर भी पिछले 15 वर्षों से सोनभद्र की धांगर जाति के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर अन्य जातियों के लोग सांसद से लेकर नौकरियों तक में हिस्सा हड़प रहे हैं। उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति शोध संस्थान की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि धांगर जाति उरांव आदिवासी जाति मूल की है और इसे अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
एआईपीएफ अध्यक्ष ने कोल आदिवासी जाति को भी अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों की संख्या में रह रहे कोल आदिवासी वनाधिकार कानून और सरकारी नौकरियों से वंचित हैं। शोध संस्थान ने कोल को एसटी सूची में शामिल करने की सिफारिश की है, लेकिन केंद्र सरकार अब तक इस पर विचार नहीं कर रही है।
दारापुरी ने वनाधिकार कानून के अनुपालन न होने और चंदौली के नौगढ़ में वन विभाग द्वारा जारी बेदखली नोटिसों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने दलित और आदिवासी छात्रों की लंबित छात्रवृत्तियों के तत्काल भुगतान की भी मांग की।
अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण वेंकटेश्वर लू ने सभी मुद्दों पर विधि सम्मत कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि धांगर और कोल आदिवासियों के अधिकारों को लेकर उठाए गए मुद्दों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।