धड़क 2 3
Starring: तृप्ति डिमरी, सिद्धांत चतुर्वेदी, जाकिर हुसैन, सौरभ सचदेवा और अन्यDirector: शाजिया इकबालMusic: रोचक कोहली, तनिष्क बागची, जावेद-मोहसिन और अन्य
इस बार फिल्म जाति, अपमान और सम्मान पर केंद्रित है. अगर फिल्म की कहानी की बात करें तो कुछ भी नया नहीं है. वही बॉलीवुड की प्रेम कहानियां, जिनमें लड़की एक अच्छे परिवार से होती है और लड़का बेहद साधारण परिवार से. बस इस बार निर्माताओं ने अमीर-गरीब की बजाय जाति को मुख्य विषय बनाया. फिल्म अच्छी है, तृप्ति और सिद्धांत की केमिस्ट्री भी अच्छी है, निर्देशन में कोई खामी नहीं है… बस कहानी थोड़ी कमजोर लगती है. फिल्म की कहानी विधि और नीलेश के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अलग-अलग जातियों से ताल्लुक रखते हैं. विधि एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखती है और नीलेश एक गरीब परिवार से. विधि के घर में सभी पढ़े-लिखे हैं और वह नीलेश के घर का इकलौता लड़का है जो पढ़ाई कर रहा है.
जब विधि के परिवार को इस बारे में पता चलता है, तो वे नीलेश को खूब प्रताड़ित करते हैं और उसे विधि से दूर रहने की सलाह देते हैं. नीलेश को बार-बार बताया जाता है कि वह कौन है, कहां रहता है और उसकी हैसियत क्या है. नीलेश इन सब बातों से बहुत परेशान हो जाता है और फिर वह क्या करता है? क्या वह विधि से दूर चला जाता है? क्या विधि और नीलेश के बीच सब कुछ खत्म हो जाता है? अब इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाकर पूरी फिल्म देखनी होगी.
फिल्म का पहला भाग अच्छी गति से चलता है, लेकिन दूसरे भाग की गति काफी धीमी हो जाती है, जिससे फिल्म भी थोड़ी धीमी हो जाती है, लेकिन क्लाइमैक्स तक पहुंचते-पहुंचते फिल्म फिर से अपनी रफ्तार पकड़ लेती है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर तो अच्छा है, लेकिन संगीत थोड़ा और दमदार होता, तो शायद यह एक परफेक्ट फिल्म बन सकती थी. खैर, अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि इस फिल्म को दर्शकों का कितना प्यार मिलता है. कुल मिलाकर, यह एक मनोरंजक फिल्म है, जिसे आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं और जो मजा आपको ‘धड़क’ देखने में आया था, वही मजा ‘धड़क 2’ में भी आएगा. मेरी तरफ से फिल्म को 5 में से 3 स्टार.