हज पर जाने वाले आजमीन को इस बार अपनी यात्रा निरस्त कराना महंगा साबित होगा। हज उड़ान के अंतिम समय में यात्रा निरस्त कराने पर जमा की गई पूरी राशि जब्त की जाएगी। सऊदी अरब सरकार के नियमों में हुए बदलाव की वजह से हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज के लिए चयनित होने के बाद आवेदन रद्द करने पर रोक लगा दी है।
वहीं अलग-अलग समय पर यात्रा निरस्त कराने पर हज कमेटी प्रति यात्री 5 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक शुल्क वसूल करेगी। हज 2026 की गाइडलाइन के मुताबिक अगस्त में हज आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वहीं, हज उड़ान का सिलसिला अप्रैल 2026 से शुरू होने की संभावना है। ऐसे में इस बार केवल असाधारण मामलों में ही हज यात्रा को निरस्त करने का अनुरोध स्वीकार किया जाएगा। इसके अलावा हज निरस्त कराने पर हज यात्रियों से शुल्क वसूल किया जाएगा।
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इस तरह से लिया जाएगा शुल्क
चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 सितंबर 2025 तक यात्रा निरस्त कराने पर 5 हजार रुपये। एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक 10 हजार रुपये। 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक 15 हजार रुपये। एक नवंबर से 15 नवंबर तक 20 हजार रुपये। 16 से 30 नवंबर तक 25 हजार रुपये। एक से 15 दिसंबर तक 30 हजार रुपये। 16 से 31 दिसंबर 2025 तक 35 हजार रुपये। एक जनवरी से 15 जनवरी 2026 तक 50 हजार रुपये और 16 से 31 जनवरी 2026 तक एक लाख रुपये निरस्तीकरण शुल्क वसूल किया जाएगा। इसके अलावा 31 जनवरी 2026 के बाद यात्रा निरस्त कराने वाले यात्रियों की जमा की गई पूरी राशि जब्त कर ली जाएगी।
इन मामलों में छूट
किसी हज यात्री की मृत्यु होने, सरकारी चिकित्सा अधिकारियों की ओर से प्रमाणित गंभीर बीमारी होने और गर्भावस्था की अधिक अवधि की वजह से यात्रा अनुपयुक्त होने पर यात्रा निरस्त कराई जा सकेगी। ऐसे में मामलों में राज्य हज कमेटी की अनुशंसा पर जमा राशि में केवल 2,300 रुपये की कटौती होगी। हालांकि इनके साथ जाने वाले हज यात्रियों के निरस्तीकरण पर 5 हजार रुपये की कटौती होगी।
राज्य हज कमेटी के सचिव एसपी तिवारी का कहना है कि सऊदी अरब सरकार की नियमों की वजह से इस बार हज यात्रा की प्रक्रिया जल्द शुरू की गई है। सऊदी अरब में रिहाईश और अन्य व्यवस्थाओं का शुल्क पहले ही जमा किया जाना है। यात्रा निरस्त कराने पर जमा राशि की वापसी हज कमेटी ऑफ इंडिया को नहीं होगी। इसीलिए हज कमेटी ऑफ इंडिया ने कटौती का नियम बनाया है।