आश्विन मास की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक की अवधि को पितृ पक्ष कहते हैं. इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेंगे. पितृ पक्ष के 15 दिनों की अवधि मृत पूर्वजों को समर्पित होती है.

पितृ पक्ष में मुख्य रूप से पितरों की आत्मा की शांति, तृप्ति और पितृ दोष से मुक्ति के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. साथ इस समय दान-दक्षिणा, पूजा-पाठ और कुछ नियमों का पालन भी करना पड़ता है.

पितृ पक्ष का समय कुछ पेड़-पौधों के रोपण के लिए भी शुभ माना जाता है. श्राद्ध के समय इन पेड़-पौधों की पूजा करने और इनका रोपण करने से पितृ प्रसन्न होकर अपने वंशों को फलने-फूलने का आशीर्वाद देते हैं. जानें पितृ पक्ष में कौन से तीन पेड़-पौधे लगाना चाहिए और इससे क्या होता है.

पीपल- हिंदू मान्यता के अनुसार, पीपल वृक्ष में देवताओ के साथ ही पितरों का वास भी होता है. इसलिए पितृ पक्ष के समय न सिर्फ पीपल वृक्ष की पूजा करने बल्कि पीपल के पौधे का रोपण करना भी अच्छा माना जाता है. इससे पूर्वज प्रसन्न होकर पूरे परिवार पर अपनी कृपा बरसाते हैं. लेकिन आप घर के बजाय पीपल को किसी खुले स्थान या मंदिर में लगाएं.

तुलसी- पितृ पक्ष के समय घर पर तुलसी का पौधा लगाना भी अच्छा होता है. इस समय तुलसी पौधा लगाने से ग्रह-दोष दूर होते हैं. साथ ही लक्ष्मीनारायण का आशीर्वाद भी मिलता है.

बरगद- बरगद या वट वृक्ष को दीर्घायु और अमरता का प्रतीक माना जाता है. पितृ पक्ष के दौरान बरगद वृक्ष की भी पूजा की जाती है. पितृ पक्ष में वट वृक्ष लगाने से पूर्वज अपने वंशों को आशीर्वाद देते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि वट वृक्ष के घर के बाहर किसी खुले स्थान पर ही लगाएं.
Published at : 01 Sep 2025 02:53 PM (IST)
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