शम्मी कपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार, शशि कपूर से राजेंद्र कुमार तक के लिए मोहम्मद रफी सभी नामी हीरो के आवाज बने. 1970 के दशक में जब मोहम्मद रफी अपने करियर के सबसे ऊंचे मुकाम पर थे, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि वो अचानक सिंगिंग से दूरी बना लेंगे. उस दौर में रफी साहब को हिंदी सिनेमा का सबसे सम्मानित प्लेबैक सिंगर माना जाता था. फिर ऐसा क्या हुआ इस बात का खुलासा उनके बेटे शाहिद रफी ने किया.
किशोर कुमार से नहीं घबराए थे मोहम्मद रफी
‘अल्लाह आपको माफ नहीं करेगा’
विक्की लालवानी के साथ एक बातचीत में मोहम्मद रफी के बेटे शाहिद रफी ने इस अनसुनी कहानी के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि आखिर सच्चाई क्या था. वाक्या 1971-72 का है, उस समय रफी साहब करीब 40 साल के थे और अपने जीवन के चरम पर थे. इसी बीच वे अपनी पत्नी के साथ दूसरी बार हज (अकबरी हज) के लिए गए. रफी साहब, जो बहुत धार्मिक थे. हज के दौरान एक मौलाना ने उनसे कहा, ‘रफी साहब, संगीत में काम करना बड़ा गुनाह है, अल्लाह आपको माफ नहीं करेगा.’
फिल्मों में आने से पहले रफी साहब लाहौर के ऑल इंडिया रेडियो पर गाते थे. वहीं से उनकी मधुर आवाज पर संगीतकार श्याम सुंदर की नजर पड़ी थी.
मोहम्मद रफी को चुभ गए थे मौलाना के शब्द
भाई ने समझाया नहीं माने, मौलाना के कहने पर की वापसी
शाहिद के बड़े भाई ने उन्हें समझाया कि सिंगिग उनकी एकमात्र कला है और इसे छोड़ना ठीक नहीं. उन्होंने बताया कि भाई ने उन्हें समझाते हुए कहा- ‘अल्लाह ने आपको सिर्फ एक चीज दी है और वो है आपकी आवाज. आप न बिजनेस कर पाएंगे, न कोई और नौकरी.’ लेकिन वो नहीं माने. बाद में, लंदन में एक दूसरे मौलाना ने उन्हें समझाया कि उनकी आवाज अल्लाह का तोहफा है और इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए. मौलाना ने यह भी याद दिलाया कि उनके परिवार की जिम्मेदारी उन पर है.
वापसी की पर नहीं किसी के आगे नहीं गिड़गिड़ाए
इसके बाद रफी साहब मुंबई लौटे. मशहूर संगीतकार नौशाद ने भी उन्हें यही सलाह दी. मगर तब तक कई प्रोड्यूसर और म्यूजिक डायरेक्टर अन्य गायकों के साथ आगे बढ़ चुके थे. इसके बावजूद मोहम्मद रफी ने कभी काम के लिए गिड़गिड़ाया नहीं. उन्होंने अपनी शर्तों पर वापसी की और एक बार फिर ‘चुरा लिया है तुमने’, ‘क्या हुआ तेरा वादा’ जैसे नगमें गाए. रफी साहब को 1967 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था. 1980 में महज 55 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. वे डायबिटीज और दिल की बीमारियों से जूझ रहे थे.