जगन्नाथ धाम के जिसने दर्शन किए उसे साक्षात परमात्मा मिल गए. कभी पुरी जगन्नाथ मंदिर जाओ तो देखना कैसे मंदिर पर लगा झंडा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है, जिसका कोई वैज्ञानिक स्पष्टीकरण नहीं है.

जगन्नाथ मंदिर के शीर्ष पर स्थित सुदर्शन चक्र प्रत्येक दिशा से एक जैसा ही दिखाई देता है, मानों इसे सभी दिशाओं से एक जैसा दिखने के लिए ही बनाया गया हो.

जगन्नाथ स्वामी को भोग में लगने वाला प्रसादम मंदिर का पुजारी एक के ऊपर एक रखे सात बर्तनों में पकाते हैं. आश्चर्य की बात ये है कि सबसे पहले ऊपर वाला बर्तन ही पकता है, उसके बाद क्रमबद्ध तरीके से नीचे वाला पकता है.

मंदिर के निर्माण काल से चली आ रही परंपरा के मुताबिक हर रोज मंदिर का पुजारी 45 मंजिला इमारत के बराबर ऊंचाई पर चढ़कर मंदिर के गुंबद पर लगे झंडे को बदलता है. मंदिर का पुजारी ये सब बिना सुरक्षा उपकरण के करता है. ऐसा माना जाता है कि अगर इस रस्म को एक दिन के लिए भी छोड़ दिया जाए तो मंदिर 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा.

जगन्नाथ धाम के सिंह द्वार से जैसे ही आप मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे समुद्र की लहरों की आवाज पूरी तरह से गायब हो जाती है. जगन्नाथ धाम साक्षात किसी चमात्कार से कम नहीं है.
Published at : 08 Sep 2025 09:00 AM (IST)
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