यमुना किनारे पर खड़े होकर सेल्फी लेते हैं लोग
स्थानीय निवासी ऋषि अग्रवाल ने बताया कि जानकारी मिलने पर तुरंत माैके पर आ गए थे। ऐसा लग रहा था कि कई लोग मलबे में दबे हैं। वहीं पानी में बहने की भी आशंका थी। कुछ ही देर में पुलिस पहुंची। इसके बाद रस्सी लगा दी गई। मंदिर का गेट भी बंद कर दिया गया। अंदर किसी को भी आने नहीं दिया जा रहा था। गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम ने तीन घंटे तक तक तलाश की, लेकिन कोई नहीं मिला है। आम दिनों में मंदिर की दीवार के सहारे लोग बैठकर सेल्फी लेते हैं। यमुना में पानी अधिक होने की वजह से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे थे। पानी की वजह से दीवार कमजोर होने की वजह से हादसा हो गया। अगर पहले से सुरक्षा के इंतजाम होते तो हादसा नहीं होता।
बल्केश्वर मार्ग पर लग गया जाम
मंदिर के अंदर हादसे की जानकारी पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग गेट के पास आ गए। इससे बल्केश्वर मार्ग पर जाम लग गया। पुलिस ने पहुंचकर लोगों को हटाया। जिनके घर से परिवार के लोग आए थे। वो भी पहुंच गए। हालांकि किसी ने अपने किसी व्यक्ति के लापता होने की बात नहीं कही।
मंदिर में आज से नहीं मिलेगा श्रद्धालुओं को प्रवेश
महालक्ष्मी मंदिर में जिस समय हादसा हुआ, उस समय गर्भगृह में आरती चल रही थी। उस समय काफी श्रद्धालु भी माैजूद थे। लोगों का कहना था कि हादसा बड़ा हो सकता था। गनीमत रही कि दीवार गिरी। नीचे बना कमरे की दीवार को भी नुकसान हो सकता था। इससे कई लोग चपेट में आ सकते थे। मंदिर के ट्रस्टी तुषार कपूर ने बताया कि बाढ़ को देखते हुए श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है। अब सिर्फ पुजारी ही आरती करने आएंगे। इसके अलावा किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
सीढ़ियों के पास पड़ी चप्पल कोई लेने नहीं आया
गर्भगृह में जाने के लिए बनी सीढि़यों पर घटना के बाद चप्पल रखी मिलीं। इन्हें काफी देर तक कोई लेने नहीं आया। अनुमान है कि डर की वजह से लोग बिना चप्पल पहने चले गए। इसके बाद गर्भगृह की सीढ़ियों पर टिनशेड लगा दिया गया, जिससे कोई अंदर न जा सके।