Last Updated:
Zubeen Garg News: असम के लीजेंड सिंगर जुबिन गर्ग के हाथ और पैर के निशान गुवाहाटी में लिए गए हैं, जिन्हें देहरादून की क्रॉफ्टिंग मेमोरीज़ की टीम ने संजोया है. जुबिन गर्ग की यादों को अमर बनाने वाला यह अनोखा कनेक्शन उनके परिवार और चाहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण स्मृति बन गया है.
Zubeen Garg News: लाखों दिलों की धड़कन और बॉलीवुड के फेमस सिंगर जुबिन गर्ग (Zubeen Garg) अब हमारे बीच नहीं रहे. जुबिन गर्ग का 52 साल की उम्र में 19 सितंबर को निधन हो गया. अब असम (Assam) के मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग के हाथ और फुट प्रिंट का देहरादून से अनोखा कनेक्शन सामने आया है. जी हां…की क्रॉफ्टिंग मेमोरीज की टीम ने गुवाहाटी में जुबिन गर्ग के हाथों के प्रिंट लिए हैं.
कंपनी के संस्थापक नमन बंसल ने बताया कि उनके एक स्टूडेंट ने जुबिन गर्ग की पत्नी से संपर्क किया और उनके हाथ-पैर के निशान को संरक्षित करने का सुझाव दिया. इस पर जुबिन की पत्नी ने टीम को अनुमति दे दी. वास्तव में, आजकल नवजात शिशुओं से लेकर अपने प्रियजनों तक के हाथ और पैर के निशान लेने का रिवाज काफी बढ़ गया है. यह स्मृतियों को सुरक्षित रखने का एक खूबसूरत तरीका बन गया है. इस कला को क्रॉफ्टिंग या थ्री-डी आर्ट कहा जाता है, जिसमें निशान हू-ब-हू वैसा ही उकेरे जाते हैं.
जन्म से लेकर जीवन के अंतिम समय तक किसी भी व्यक्ति के हाथ-पैर के निशान उनके जीवन की यादों को संजोने का माध्यम बनते हैं. पिछले कुछ वर्षों में इस कला का चलन काफी बढ़ा है. ऐसे में लीजेंड सिंगर जुबिन गर्ग की यह यादें भी अब उनके परिवार के पास अमर रूप में सुरक्षित हैं. बता दें, असम के सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन ने 33 साल के अपने करियर में 40 से ज्यादा बोलियों और भाषाओं में गाने गाए. जुबीन ने फिल्मों में अभिनय के साथ-साथ निर्देशन भी किया.
जुबीन गर्ग असम और नार्थ ईस्ट में वह लीजेंड थे. जुबीन गर्ग ने हिंदी में जो गाने गाए उसने उन्हें नार्थ ईस्ट से परे भी पहचान दिलाई. लेकिन यह उनकी विराट शख्सियत का एक छोटा सा हिस्सा ही था. हालांकि उनके एक हिट गाने ‘या अली’ ने उन्हें पूरे भारत में मशहूर कर दिया. लेकिन वह एक ऐसे प्रसिद्ध अभिनेता, फिल्म निर्माता और एक ऐसी आवाज थे जो असम और नार्थ ईस्ट के मुद्दों के लिए खड़े होने से कभी नहीं हिचकिचाते थे.

राहुल गोयल सीनियर पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. साल 2011 में पत्रकारिता का सफर शुरू किया. नवभारत टाइम्स, वॉयस ऑफ लखनऊ, दैनिक भास्कर, पत्रिका जैसे संस्थानों में काम करने का अनुभव. सा…और पढ़ें
राहुल गोयल सीनियर पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. साल 2011 में पत्रकारिता का सफर शुरू किया. नवभारत टाइम्स, वॉयस ऑफ लखनऊ, दैनिक भास्कर, पत्रिका जैसे संस्थानों में काम करने का अनुभव. सा… और पढ़ें
![]()










