महुली/सोनभद्र/एबीएन न्यूज। महुली के ऐतिहासिक श्री राजा बरियार शाह खेल मैदान में चल रही श्रीरामलीला का पाँचवाँ दिन भव्य और भावनात्मक लीलाओं से परिपूर्ण रहा। मंचन की शुरुआत भगवान शिव और माता पार्वती की दिव्य झांकी से हुई, जिसने पूरे मैदान को भक्तिमय कर दिया। उपस्थित जनसमूह “हर-हर महादेव” और “जय माता दी” के जयघोष से गूंज उठा।
इसके बाद धनुष यज्ञ का अद्भुत मंचन हुआ। मिथिला नगरी के स्वयंवर में समस्त राजाओं के असफल प्रयासों के बाद, भगवान श्रीराम ने गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से सहज भाव से महाधनुष को उठाकर भंग कर दिया। धनुष टूटते ही पंडाल “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा और श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
मंच पर इसके बाद रावण और बाणासुर संवाद का जीवंत चित्रण हुआ। रावण की अपार शक्ति और बाणासुर के गर्वपूर्ण संवादों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। उनका संवाद और गर्जना पूरे वातावरण को वीररस से ओतप्रोत कर गया।
दिन का अंतिम मंचन लक्ष्मण-परशुराम संवाद का रहा। जब परशुराम जी ने शिवधनुष भंग की घटना पर क्रोध प्रकट किया और लक्ष्मण से तीखा संवाद हुआ, तो पूरा वातावरण गंभीर और तनावपूर्ण हो गया। लक्ष्मण की निर्भीक वाणी और परशुराम के क्रोध ने दर्शकों को सन्नाटा में डुबो दिया। भगवान श्रीराम के शांत और धैर्यपूर्ण वचनों ने इस प्रसंग को दिव्य परिणति दी।
इन लीलाओं ने दर्शकों को मोहित करते हुए धर्म, मर्यादा और भक्ति का गहरा संदेश दिया। कलाकारों की अदाकारी और संवाद अदायगी के लिए दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साह बढ़ाया।

इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष अरविंद जायसवाल, उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार कन्नौजिया और अन्य पदाधिकारी मंच पर उपस्थित रहे। रामलीला के व्यास आचार्य दिलीप कुमार कन्नौजिया ने बताया कि कल 25 सितंबर को राम-सीता विवाह की भव्य लीला का मंचन होगा, जिसमें सभी दर्शक बाराती बनकर अयोध्या प्रस्थान करेंगे। रामलीला के इस अनोखे आयोजन की चर्चा पूरे क्षेत्र में है और श्रद्धालु अगले दिन की लीला का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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