सोनभद्र/एबीएन न्यूज। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 10 अक्टूबर 2025 को “Access to Services – Mental Health in Catastrophies and Emergencies” थीम के अंतर्गत स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं जिला संयुक्त चिकित्सालय, सोनभद्र के प्रांगण में वृहद मानसिक स्वास्थ्य शिविर एवं जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा फीता काटकर किया गया,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और यह समझाना है कि मानसिक समस्याएँ भी शारीरिक बीमारियों जितनी ही गंभीर होती हैं, उन्होंने बताया कि आज की तेज़ रफ्तार जीवनशैली, करियर की अनिश्चितता, रिश्तों में अस्थिरता, नौकरी का तनाव और पढ़ाई का दबाव मानसिक रोगों को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में अधिकांश मानसिक रोगियों को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाता, जबकि राष्ट्रीय टेली-मानस हेल्पलाइन 14416 के माध्यम से कोई भी व्यक्ति 24×7 परामर्श सेवाएँ प्राप्त कर सकता है,
उन्होंने बताया कि जनपद के प्रत्येक सीएचसी, पीएचसी तथा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में प्रशिक्षित चिकित्सक, काउंसलर और पैरामेडिकल स्टाफ मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं,
प्रधानाचार्य, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सोनभद्र ने कहा कि भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ती महत्वाकांक्षा और अभिभावकों की अत्यधिक अपेक्षाएँ अक्सर तनाव का कारण बनती हैं, जिससे व्यक्ति मानसिक अस्थिरता की ओर बढ़ता है, उन्होंने कहा कि मानसिक रोगों के उपचार के लिए झाड़-फूंक या तंत्र-मंत्र जैसी भ्रांतियों को समाप्त करना आवश्यक है, समाज में निरंतर जागरूकता के माध्यम से ही इस सोच को बदला जा सकता है,
सहायक आचार्य (मनोरोग) डॉ० जितेश गुप्ता ने बताया कि नींद न आना, मन उदास रहना, किसी कार्य में मन न लगना, चिड़चिड़ापन और आत्महत्या के विचार जैसे लक्षण मानसिक रोग के संकेत हैं, उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 20 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं, इसलिए समय रहते उपचार कराना अत्यंत आवश्यक है,
कार्यक्रम में कीर्तीपाली नर्सिंग कॉलेज के छात्रों ने मानसिक स्वास्थ्य पर एक प्रेरक लघु नाटिका प्रस्तुत की, जिससे उपस्थित लोगों को मानसिक रोगों की पहचान और उपचार के प्रति प्रेरणा मिली,
कार्यक्रम का संचालन डॉ० गणेश प्रसाद (चिकित्साधिकारी-एनसीडी) ने किया, वहीं समापन पर एनएमएचपी के नोडल अधिकारी डॉ० जी०एस० यादव ने सभी का आभार व्यक्त किया, इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० आर०जी० यादव, डॉ० प्रेमनाथ, डॉ० बी०के० श्रीवास्तव सहित अन्य चिकित्सकगण और पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित रहे, शिविर में लगभग 173 लोगों की स्वास्थ्य जांच एवं मानसिक रोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिनका आवश्यक परामर्श और उपचार किया गया,
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