लखनऊ/एबीएन न्यूज। उत्तर प्रदेश का जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल देश का सबसे आधुनिक हवाई अड्डा बनने जा रहा है, बल्कि यह डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का नया मानक भी स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डिजिटल और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर विजन के अनुरूप तैयार यह एयरपोर्ट जल्द ही अपनी सेवाएं शुरू करने वाला है। अत्याधुनिक तकनीक और फ्यूचर-रेडी सिस्टम से लैस यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश को डिजिटल एविएशन नेटवर्क के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
एयरपोर्ट को ड्यूल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क से सुसज्जित किया गया है, जिससे डेटा कनेक्टिविटी पूरी तरह निर्बाध और सुरक्षित बनी रहेगी। दो स्वतंत्र डेटा सेंटर अलग-अलग स्थानों पर स्थापित किए जा रहे हैं, जो एयरपोर्ट की सभी डिजिटल प्रणालियों का संचालन और बैकअप संभालेंगे। संपूर्ण एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर एकीकृत नेटवर्क से जुड़ा होगा, जिससे टर्मिनल, रनवे, सुरक्षा, पार्किंग और यात्री सुविधाओं का संचालन पूर्णतः डिजिटल रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा।
जेवर एयरपोर्ट को पारंपरिक हवाई अड्डों से अलग एक स्मार्ट और सुरक्षित डिजिटल नेटवर्क हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। एयरपोर्ट परिसर में वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगाया जा रहा है, जो हर गतिविधि और मूवमेंट की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा। आगमन एवं प्रस्थान मार्गों पर लाइसेंस प्लेट रिकग्निशन और ड्राइवर इमेजिंग कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं, जो वाहनों की स्मार्ट ट्रैकिंग सुनिश्चित करेंगे। इससे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों में अभूतपूर्व सुधार होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार एयरपोर्ट में तीन प्रमुख डिजिटल कंट्रोल हब विकसित किए गए हैं — एयरपोर्ट ऑपरेशंस सेंटर (AOC): पूरे एयरपोर्ट संचालन का डिजिटल नियंत्रण केंद्र, जहां से सभी गतिविधियों का रियल-टाइम मॉनिटरिंग होगा। सिक्योरिटी ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर (SOCC): एयरपोर्ट सुरक्षा पर चौबीसों घंटे नजर रखेगा। एयरपोर्ट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर (AEOC): किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया और समन्वय सुनिश्चित करेगा।
एयरपोर्ट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वायरलेस नेटवर्क कवरेज रनवे से लेकर रिमोट स्टैंड्स तक विस्तारित रहेगा। यात्रियों और स्टाफ के लिए स्मार्ट डिजिटल एक्सेस, रियल-टाइम सूचना प्रणाली, और एआई-सक्षम सुरक्षा तंत्र भी लागू किए जा रहे हैं।
जेवर एयरपोर्ट योगी सरकार के टेक्नोलॉजी-ड्रिवन उत्तर प्रदेश के विजन को आकार देगा। यह न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगा, बल्कि तकनीकी उत्कृष्टता, दक्षता और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की पहचान को भी और मजबूत करेगा।
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