दुद्धी/सोनभद्र/एबीएन न्यूज। पूर्वांचल सहित देश के अनेक हिस्सों में आज आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय के साथ श्रद्धा एवं उल्लासपूर्वक हुई। इस दिन श्रद्धालु महिलाएं और पुरुष पवित्र नदियों, तालाबों और जलाशयों में स्नान कर व्रत की औपचारिक शुरुआत करते हैं। मान्यता है कि इस स्नान और शुद्ध भोजन ग्रहण से शरीर और मन दोनों पवित्र होते हैं।
नहाय-खाय के दिन व्रती आमतौर पर कद्दू-भात, चना दाल और लौकी की सब्जी का सेवन करते हैं, जिसे सेंधा नमक और घी में बनाया जाता है। छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और यह चार दिनों तक चलता है — नहाय-खाय, खरना, सन्ध्या अर्घ्य और प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ इसका समापन होता है।
दुद्धी तहसील मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों — शिवाजी तालाब, लऊवा नदी, लवकुश पार्क, लकड़ा बांध, ठेमा नदी और लकड़ा नाला — पर आज श्रद्धालुओं ने स्नान कर व्रत का शुभारंभ किया। वातावरण भक्तिमय हो उठा जब महिलाएं सूर्य की उपासना में लीन होकर गीत गा रही थीं।
छठ पर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव की उपासना के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धि प्राप्त करना है। इस पर्व का प्रमुख प्रसाद ठेकुआ होता है, जिसे गेहूं के आटे, सूखे नारियल, घी और गुड़ या चीनी से बनाया जाता है। यह प्रसाद पूजा के दूसरे दिन तैयार किया जाता है और सूर्य देव को अर्पित किया जाता है।

धार्मिक संगठनों और समितियों ने पर्व को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं। जय बजरंग अखाड़ा समिति की देखरेख में शिवाजी तालाब पर मुख्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष कमलेश मोहन का विशेष सहयोग है। समिति अध्यक्ष पंकज जायसवाल और महामंत्री दीपक शाह के नेतृत्व में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं, जबकि संरक्षक के रूप में रामलीला समिति अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रहरि, महामंत्री सुरेंद्र गुप्ता, पंकज अग्रहरि (बुल्लू), कमल कुमार कानू, राजकुमार अग्रहरि, रामपाल जौहरी और अविनाश वाह वाह सक्रिय सहयोग दे रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार राय, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह, कस्बा प्रभारी जयशंकर राय, एसएसआई सुरेश चंद्र द्विवेदी, महिला थाना प्रभारी सन्तु सरोज सहित पुलिस एवं पीएसी बल ने पूजा स्थलों का निरीक्षण कर सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की।
छठ पर्व के इस प्रथम दिन नहाय-खाय के साथ पूरे क्षेत्र में श्रद्धा, आस्था और भक्ति का उत्सव प्रारंभ हो गया है, जो आने वाले दिनों में सूर्य आराधना की भव्यता के साथ और प्रगाढ़ होगा।
![]()











