सोनभद्र/एबीएन न्यूज़। उत्तर प्रदेश सरकार समाज के गरीबों, किसानों, असहायों और निराश्रितों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इन्हीं में से एक प्रमुख पहल है वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन योजना, जिसके माध्यम से पात्र पुरुषों और महिलाओं को आर्थिक सहारा प्रदान किया जा रहा है।
इस योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे पुरुष और महिलाएं, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं, पेंशन पाने के पात्र हैं। इसी आयु वर्ग में आने वाले गरीब किसान भी इस योजना के अंतर्गत लाभ उठा सकते हैं। सरकार का उद्देश्य इन बुजुर्गों को आर्थिक सहयोग देकर सम्मानजनक जीवन और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है। योजना के पात्रों का चयन ग्राम पंचायत की खुली बैठक में किया जाता है। ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव खंड विकास अधिकारी के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय को भेजा जाता है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
आवेदन के साथ आवेदक को फोटो, जन्म या आयु प्रमाणपत्र, पहचान पत्र (जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड), बैंक पासबुक की प्रति, निवास प्रमाणपत्र और आय प्रमाणपत्र संलग्न करना आवश्यक है। सत्यापन के बाद पात्र लाभार्थी के बैंक खाते में ₹1000 प्रतिमाह की दर से पेंशन भेजी जाती है। वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजनान्तर्गत 60 से 79 वर्ष के पेंशनरों को ₹1000 प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है, जिसमें ₹800 राज्यांश और ₹200 केंद्रांश शामिल है। वहीं, 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के लाभार्थियों को ₹1000 पेंशन में ₹500 राज्य और ₹500 केंद्र सरकार का योगदान है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 में जहां 37.47 लाख लाभार्थी थे, वहीं वर्ष 2024-25 तक यह संख्या बढ़कर 67.50 लाख हो गई है। वर्तमान सरकार ने अब तक 30.03 लाख नए पेंशनरों को लाभान्वित किया है। सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी पात्र बुजुर्ग, गरीब या किसान पेंशन से वंचित न रहे। वर्ष भर में ₹12,000 की पेंशन प्राप्त कर इन लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और वे आत्मनिर्भर जीवन की ओर अग्रसर हैं।
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