Varanasi Lok Sabha Election Voting
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वाराणसी में जिला प्रशासन ने मतदाताओं को जागरूक किया। हर मतदाता के फोन पर मैसेज आए और ब्रांड एंबेसडर की आवाज में रिकॉर्ड कॉल भी दो से तीन बार हर मतदाता के पास आई। राजनीतिक दलों ने घर-घर पर्चियां पहुंचाईं, मतदान केंद्रों के बारह बैठने और पर्ची देने की व्यवस्था की गई। साथ ही प्रकृति यानी मौसम ने भी दोपहर दो बजे तक साथ दिया। धूप नहीं निकली, इसके बाद भी काशी के मतदाता सेकंड डिवीजन ही पास हो सके।
1951 में हुए पहले आम चुनाव में काशी में 45.19 फीसदी मतदान हुआ था। उसके बाद काशी के मतदाताओं ने लंबी छलांग लगाई और 1957 में 62.67 फीसदी मत हासिल किए। अगले चुनाव 1962 में यह प्रतिशत बढ़कर 63.28 पहुंच गया मगर 1967 में यह घटकर 59.42 हो गया। इसके बाद आज तक काशी के हिस्से सिर्फ इंतजार ही आया और यहां मतदान कभी भी 60 फीसदी तक भी नहीं पहुंच पाया।
समय के साथ राजनीतिक दल भी इस ओर सक्रिय हुए और चुनाव आयोग ने भी प्रचार-प्रसार पर खर्च बढ़ाया, मगर यह सब नाकाफी तब दिखाई देते हैं। 1989 से 2009 तक वह दौर भी रहा जब काशी में 50 फीसदी भी मतदान नहीं हुआ। 2014 में एक लंबी छलांग लगी मगर वह 2019 में घट गई और 2024 में वोट प्रतिशत और घट कर 56.35 हो गया।