हज यात्री।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सऊदी अरब में इस बार हज के दौरान पति-पत्नी एक ही कमरे में नहीं रह सकेंगे। सऊदी अरब सरकार ने हज के दौरान महिला और पुरुष हज यात्रियों को एक ही कमरे में ठहराने पर रोक लगा दी है। पुरुषों को महिला आजमीन के कमरों में प्रवेश की भी अनुमति नहीं होगी।
बता दें कि हर साल करीब पौने दो लाख लोग हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं। पिछले साल यूपी से 17,976 लोग हज करने गए थे। हज कमेटी ऑफ इंडिया सऊदी अरब में हज यात्रियों को ठहराने के लिए होटल व बिल्डिंग किराए पर लेती है। जहां राज्यवार महिला व पुरुष हज यात्रियों का ग्रुप बनाकर एक ही कमरों में ठहराने की व्यवस्था करती रही है। हज 2025 के लिए सऊदी हुकूमत ने महिला व पुरुष हज यात्रियों को एक ही कमरे में ठहरने पर रोक लगा दी है। ऐसे में हज कमेटी ऑफ इंडिया ने भी नई गाइडलाइन जारी की है।
सिर्फ भारतीय यात्रियों एक कमरे में ठहरने की थी छूट
हज कमेटी ऑफ इंडिया मुंबई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लियाकत अली आफाकी ने बताया कि सऊदी अरब में दुनिया के तमाम देशों के महिला व पुरुष हज यात्री अलग-अलग कमरों में ठहराए जाते हैं। पर भारत से जाने वाले अधिकांश यात्री ज्यादा उम्र और कम पढ़े होते हैं। इसके मद्देनजर सऊदी हुकूमत ने सिर्फ भारतीय महिला व पुरुष यात्रियों को एक साथ एक ही कमरे में ठहरने और किचन की छूट दी थी। पर, लोगों की शिकायत थी कि एक कमरे में रहने से महिलाओं की बेपर्दगी होती है। ऐसे में महिलाओं व पुरुषों को अलग-अलग कमरों में ठहराया जाए। हज कमेटी ने इसकी जानकारी सऊदी हुकूमत को भी दी थी। इसके बाद सऊदी सरकार ने ठहरने के नए नियमों में बदलाव किए हैं।
एक इमारत में एक जिले के होंगे हज यात्री
आफाकी ने बताया कि इस बार राज्यवार नहीं, बल्कि जिलेवार यात्रियों को एक इमारत में ठहराया जाएगा। पति-पत्नी की समस्याओं के सवाल पर उन्होंने बताया कि पति-पत्नी का कमरा अगल-बगल रहेगा ताकि जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की मदद की जा सके। इमारत के प्रत्येक फ्लोर पर एक रिसेप्शन होंगे, जहां पति-पत्नी बैठकर बातचीत कर सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बुजुर्ग कैटेगरी में उम्रसीमा 70 साल से घटाकर 65 वर्ष की गई है। पर, इस कैटेगरी के हज यात्रियों को एक साथ रखा जाएगा। बगैर महरम कैटेगरी में जाने वाली महिलाएं भी एक साथ ठहराई जाएंगी।