अमर उजाला कार्यालय में छात्र
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भारत दौरे पर आए ‘यूके हिंदी समिति’ के सदस्यों और छात्रों ने अमर उजाला को बताया कि वह भारतीय संस्कृति को गहराई से जानना व समझना चाहते हैं। नोएडा स्थित अमर उजाला के दफ्तर में 23 अगस्त, शुक्रवार को एक संवाद कार्यक्रम में पहुंचे कुल नौ छात्र और चार शिक्षकों ने बातचीत के दौरान अपने अनुभव साझा किए।
इस दौरान शिक्षिका सुरेखा चोफला, सुरभि वदगमा, हरीश पोपटानी और जेमिली गिब्सन और छात्रों में रिया भाटिया, जोआना तोमर, लब्धि ओस्तवाल, ईशानी अग्रवाल, शैवी प्रसाद, शिवराज रणधीर सिंह, वंश मिश्रा, रोहित द्विवेदी, फोबे तोमर मौजूद रहे।
आठ साल की उम्र से ब्रिटेन में रह रहे कई छात्र-छात्राओं ने हिंदी लिखने और बोलने की इच्छा जाहिर की। सभी भारतवंशी हैं। इनमें से कुछ उत्तर प्रदेश के लखनऊ, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से संबंध रखते हैं। बातचीत के दौरान कुछ छात्रों ने सुभद्रा कुमारी चौहान और हिंदी की अन्य कविताओं का पाठ किया। इसके बाद उन्होंने अखबार के आलेख तैयार होने से लेकर प्रकाशित तक का सारा काम देखा व जाना। उन्होंने बताया कि घर लौटने के बाद वे हिंदी में कविताएं व कहानियां भी लिखना शुरू करेंगे।
भारत आकर ही मिलता है हिंदी भाषा का शुद्ध रूप
विदेशी छात्रों को हिंदी सिखाने वाली भारतीय मूल की शिक्षिका सुरेखा चोफला ने इन सभी छात्रों के प्रयास व सीखने की ललक को सराहा। उन्होंने बताया कि जितनी बार भारत आना हुआ, हर बार एक नया अनुभव मिला, लेकिन हिंदी भाषा का जो शुद्ध रूप यहां आकर सुनने और बातचीत में मिलता है, वो लंदन में रहकर नहीं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में हिंदी का प्रचार-प्रसार हो रहा है। ज्यादातर प्रवासी भारतीयों ने इसका जिम्मा उठाया है।