भारत-चीन की सेनाओं के बीच दिवाली पर मिठाई का आदान-प्रदान हुआ।
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भारत और चीन के बीच तनाव कम होता नजर आ रहा है। दोनों ही देशों ने लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सेनाओं को पीछे हटाने के वादे को हाल ही मे पूरा किया। इसी कड़ी में गुरुवार को भारत-चीन की सेनाओं के बीच दिवाली पर मिठाइयों का भी आदान-प्रदान हुआ। शुक्रवार को दोनों देशों ने सीमाई समझौते का पालन करते हुए गश्त भी शुरू कर दी है। बताया गया है कि अभी दोनो देशों की सेनाओं ने इस गश्त को डेमचोक सेक्टर में शुरू किया है। हालांकि, आने वाले दिनों में देपसांग सेक्टर में भी भारतीय और चीनी सैनिकों की गश्त शुरू हो सकती है।
अरुणाचल में चीन सीमा पर पहुंचे किरेन रिजिजू
इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश के बुमला में सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंंचे थे। यहां चीनी सेना के जवानों से बात करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर को देखकर हर किसी को भारत के सीमाई इलाकों के विकास पर गर्व होगा।
#WATCH | Union Minister Kiren Rijiju tweets “After talking to Chinese soldiers and seeing the infrastructures, everyone will feel proud of India’s border development now. Celebrated Diwali at Bumla with our Army Jawans in Arunachal Pradesh.”
(Souce: Kiren Rijiju/’X’) pic.twitter.com/YZgVL4AyKo— ANI (@ANI) November 1, 2024
पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने की उम्मीद
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों के पीछे हटने और गश्त के दोबारा शुरू होने को दोनों देशों के बीच चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। जून 2020 में गलवां घाटी में हुई झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर टकराव की स्थिति थी और भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे।
21 अक्तूबर को भारत चीन के बीच सीमा समझौते का हुआ था एलान
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में एलान किया कि पिछले कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उठे मुद्दों का समाधान निकलेगा। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों के पीछे हटने पर समझौते को अंतिम रूप दिया गया, जो चार साल से चल रहे गतिरोध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने किया था स्वागत
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर मुलाकात में इस समझौते को लेकर चर्चा भी हुई थी। मुलाकात में पीएम मोदी ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध वाले इलाकों से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर भारत-चीन में बनी सहमति का स्वागत किया था। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को फिर शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसे 2020 में हुई सैन्य झड़प के बाद प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।