प्रदूषण (फाइल)
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राजधानी लखनऊ में दिवाली के बाद से खराब हुई शहर की हवा के बाद एयर प्यूरीफायर की मांग 20 फीसदी तक बढ़ गई है। मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम की शुरुआत में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में तेजी आती है। लेकिन, दिवाली के बाद से खराब हुए हवा के स्तर की वजह से इस बार डिमांड 20 फीसदी बढ़ गई है। बाजार में 5000 के छोटे पोर्टेबल से लेकर बड़ी रेंज में 50 हजार तक के एयर प्यूरिफायर मौजूद हैं।
शहर के नाका हिंडोला में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का शो रूम चलाने वाले नितेश सिंघल बताते हैं कि रोजाना चार-पांच लोग एयर प्यूरिफायर के बारे में पूछताछ करते हैं। दिवाली के आस पास से यह बिकना शुरू होता है। लेकिन, बहुत ज्यादा सेल नहीं होती है। जागरुकता बढ़ने की वजह से लोग इस बार जरूर पूछताछ कर रहे हैं।
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दिवाली के बाद हवा का स्तर खराब
पूरे सीजन में 20 यूनिट तक बिक जाते हैं। शहर भर में भी पूरे बाजार का आंकड़ा करीब 1500 के आस पास है। उधर, अशोक मार्ग हजरतगंज स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम के संचालक अमित खत्री बताते हैं कि अक्तूबर से लेकर दिसंबर तक ही एयर प्यूरिफायर की मांग होती है। मुख्य रूप से दिवाली के बाद हवा का स्तर खराब होने से बिक्री बढ़ती है।
छोटे और पोर्टेबल प्यूरिफायर की अच्छी खासी रेंज
इस बार बाजार में 20 प्रतिशत तक की बिक्री बढ़ी है। बताया कि 12-15 हजार रुपये से लेकर 50 हजार तक के एयर प्यूरिफायर मौजूद हैं। बड़े शहरों में इनकी डिमांड बहुत रहती है। लखनऊ में भी बढ़ रही है। इसके अलावा ऑनलाइन साइटों पर छोटे और पोर्टेबल प्यूरिफायर की अच्छी खासी रेंज है। इनकी शुरुआत 5000 रुपये से है।
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जगह के हिसाब से तय होता है साइज
शोरूम संचालक नितेश सिंघल बताते हैं कि एयर प्यूरिफायर का मुख्य काम कमरे की हवा को शुद्ध करना है। इस प्रक्रिया में 25-30 मिनट लगते हैं। 250 वर्ग फीट के लिए 10-15 हजार रुपये का प्यूरिफायर ठीक है। जबकि, 400 वर्ग फीट के कमरे के लिए 30-35 हजार रुपये का एयर प्यूरिफायर लगता है। इनमें लगे फिल्टर धूल के कणों और हानिकारक गैसों को फिल्टर व छानने का काम करते हैं।