Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर स्नान, दान और पूजा-पाठ करने से विशेष फल मिलता है. पितरों की शांति और पति की दीर्घायु के लिए इस दिन व्रत का खास महत्व होता है. साथ ही इस दिन तुलसी की पूजा करने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं.
इस बार दिसंबर में सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने से श्रद्घालुओं पर भगवान आशुतोष की अपार कृपा बरसेगी, ऐसा इसलिए है, क्योंकि पौष अमावस्या इस बार सोमवार को पड़ रही है. सोमवती अमावस्या के दिन घर में दीपक जलाने से क्या होता है.
सोमवती अमावस्या पर दीपक जलाने से क्या होता है ?
सोमवती अमावस्या के दिन दीपक जलाने का बड़ा ही महत्व है. इस दिन दीपक जलाने से देवी-देवता आशीर्वाद देतें है. वहीं, पितर भी प्रसन्न होते हैं. इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है, दुख दरिद्रता दूर होती है. मां लक्ष्मी का घर में वास होता है.
सोमवती अमवास्या पर कहां-कहां दीपक लगाएं
- घर के बाहर दक्षिण दिशा- दक्षिण दिशा यम की मानी गई है. सोमवती अमावस्या पर इस दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में पितरों के लिए सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल में पितर पुन: अपने लोक लौट जाते हैं, ऐसे में दीपक की रोशनी उन्हें मार्ग प्रशस्त करती है.
- लक्ष्मी जी के लिए – घर के ईशान कोण में देवी-देवताओं का वास होता है. सोमवती अमावस्या पर ईशान कोण में दीया जलाने से मां लक्ष्मी घर की ओर आकर्षित होती है. धन-धान्य का आशीर्वाद मिलता है.
- पीपल के पास- अमावस्या के दिन पिपल के पेड़ के पास तिल के तेल का दीया जलाना चाहिए, इससे पितरों और विष्णु जी का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही पितर संतुष्ट होते हैं.
- मुख्य द्वार- सोमवती अमावस्या पर मुख्य द्वार पर दोनों ओर घी का दीपक लगाएं और वहां एक लौटे में पानी भी रख दें. ये उपाय सूर्यास्त के बाद करना है.कहते हैं इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
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