लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज शहीद पिता के पुत्र हैं और शहीद पुत्रों के पिता भी हैं। गुरु तेग बहादुर जी महाराज ने देश व धर्म के लिए शहादत दी। गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज उस समय गुरु तेग बहादुर महराज को प्रेरित कर रहे थे कि देश व धर्म पर संकट है, यदि किसी महान आत्मा का बलिदान होगा तो जो विधर्मी हमारे देश व धर्म को नष्ट करते हुए उतावले दिखाई दे रहे हैं, वे बेनकाब होंगे और देश इसके खिलाफ खड़ा होगा। महान बलिदान के लिए आपसे उपयुक्त कौन हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को डीएवी कॉलेज में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल हुए। सीएम योगी ने समागम में आए बच्चों का कुशलक्षेम जाना और टॉफी-चॉकलेट वितरित किया। उन्होंने कहा कि 26-27 दिसंबर को पूरे देश ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों (बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह) के साथ जुड़ते हुए उनकी स्मृतियों को नमन किया और मां गुजरी के प्रति श्रद्धा व्यक्त की।
सीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिंह ने अपना शीश दिया, लेकिन भारत का शीश बचा दिया। कश्मीर को बचाया, जो आज भी भारत का हिस्सा है। वजीर खान गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों (जोरावर सिंह-फतेह सिंह) से कहता है कि इस्लाम स्वीकार कर लो, लेकिन इन लोगों ने कहा कि यह नहीं हो सकता। इस पर उन्हें जीवित ही दीवारों में चुनवा दिया गया। चमकौर युद्ध में बड़े साहिबजादों (बाबा अजीत सिंह व जुझार सिंह) ने शहादत को प्राप्त किया। इस दुख में मां गुजरी देवी का प्राणोत्सर्ग हुआ।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह, डॉ.गुरमीत सिंह, डॉ.अमरजीत सिंह, राजेंद्र सिंह बग्गा, डॉ.हरजोत सिंह, सतनाम सिंह सोढ़ी, सरदार दलजीत सिंह, पार्षद राजू गांधी, सरदार त्रिलोचन सिंह आदि मौजूद रहे।