चूहा।
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कभी नहर कट जा रही है तो कभी रजबहा। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। 20 नवंबर से 17 दिसंबर तक पांच बार नहरें कटीं जिससे 600 बीघा फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई। सिंचाई विभाग का कहना है कि किसान अपने खेतों तक पानी ले जाने के लिए कुलावे लगा लेते हैं। बाद में यहीं चूहे और सेही बिल बना लेते हैं। पहले हल्के हल्के पानी का रिसाव होता है और बाद में बड़ी मात्रा में पानी खेतों में घुस जाता है। वहीं किसानों का कहना है कि नहर की पटरियों की विभाग मरम्मत नहीं कराता जिससे वह कमजोर होकर टूट जाती हैं और पानी खेतों में पहुंच जाता है।