UP News: किसान को जिंदा चबा गया बाघ
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
यूपी के बहराइच में 18-19 जनवरी की रात कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में बाघ एक किसान को जिंदा चबा गया। किसान फसल की रखवाली करने के लिए रात में खेत पर रुका था। सुबह जंगल में उसकी लाश टुकड़ों में बिखरी मिली। जिसने भी यह भयावह दृश्य देखा कांप गया। आसपास के क्षेत्र में दहशत में फैल गई। लोग घरों में दुबकने लगे। घटना की सूचना देने के घंटों बाद भी वन विभाग की टीम नहीं पहुंची। इससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
घटना सुजौली वन रेंज के रमपुरवा बनकटी गांव की है। गांव निवासी 65 वर्षीय किसान शिवधर चौहान घर पर खाना खाने के बाद फसल रखवाली के लिए खेत गए थे। रात में उन पर बाघ ने हमला कर दिया। सुबह जब वह देर तक घर नहीं पहुंचे तो परिजन उनकी खोजबीन में खेत की तरफ गए। खेत पहुंचकर जो देखा उसे देखकर कोई भी कांप जाता। शिवधर की लाश टुकड़ों में इधर-उधर बिखरी पड़ी थी। यह देखकर घरवाले चीख उठे।
Trending Videos
2 of 6
घटना के बाद घर पर लगी लोगों की भीड़
– फोटो : संवाद
चीख पुकार सुनी तो गांव के लोग भी भागकर पहुंचे। लोगों को मामला सामझते देर न लगी। बाघ के हमले की खबर जंगल में आग की तरह गांव और आसपास के क्षेत्र में फैल गई। इससे पूरी क्षेत्र में दहशत फैल गई। लोग झुंड बनाकर एकत्र हो गए। बच्चों-बुजुर्गों को घर के अंदर रहने को कहा। साथ ही घचना की सूचना वन विभाग के कर्मियों और पुलिस को दी।
3 of 6
घर पर जानकारी लेती पुलिस
– फोटो : संवाद
सूचना पर सुजौली थाना प्रभारी हरीश सिंह टीम के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने मौका मुआयना करके जानकारी जुटाई। लेकिन, वन विभाग टीम जानकारी देने के घंटों बाद तक नहीं पहुंची। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश दिखा। उधर जंगल में टुकड़ों बिखरी शिवधर की लाश को लोगों ने समेटा। उसे एक चद्दर में बांधकर घर ले गए। ऐसा रूह कंपाने दृश्य देखकर हर किसी में भय व्याप्त हो गया। लोगों ने पिंजरा लगाकर जल्द बाघ को पकड़ने की मांग की है।
4 of 6
राजपाल चौहान (शिवधर चौहान का बेटा)
– फोटो : संवाद
आंकड़े बताते हैं कि कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पूर्व में हुई गणना में जहां कतर्नियाघाट में 59 बाघ थे तो अभी हाल ही में यहां एक और बाघ को छोड़ा गया है। हालांकि वन्यजीव प्रेमी बाघों की संख्या 80 के पार होने की संभावना जता रहे हैं।
5 of 6
बाघ।
– फोटो : अमर उजाला
इस बीच एक बात चिंताजनक भी है, वह यह कि बाघों की बढ़ती संख्या के साथ ही बाघ के हमले भी बीते कुछ दिनों में बढ़े हैं। इससे जंगल से सटे गांवों में दहशत का माहौल है। पिछले तीन महीने में बाघ तीन लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। जबकि 24 महीनों में बाघ के हमले से सात लोगों की मौत हुई है।