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सांकेतिक तस्वीर – फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
एक संस्था की ढाई करोड़ की संपत्ति कब्जाने के मामले में अवनीश दीक्षित व अधिवक्ता शैलेंद्र पांडेय समेत 12 लोगों के खिलाफ चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है। इसमें आठ नामजद और चार अज्ञात लोग शामिल है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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लाल बंगला शिवकटरा रोड निवासी नयनतारा जायसवाल ने आरोप लगाया कि उनके भाई राकेश कुमार जायसवाल पर्यावरण शिक्षा, संरक्षण और गंगा नदी की रक्षा को लेकर काम करते थे। उन्होंने वर्ष 1993 में ईको फ्रैंड्स सोसाइटी के नाम से संस्था बनाई थी। कार्यालय उनके ही घर पर बना था। सात जुलाई 2019 को भाई का निधन हो गया। नयनतारा का आरोप है कि संस्था के सचिव चावलमंडी निवासी पीयूष जायसवाल और उनकी पत्नी ज्योति ने ऑफिस से दस्तावेज चोरी कर लिए। इसके बाद कूटरचित दस्तावेज तैयार कर संस्था के खातों से लाखों रुपये अपने खाताें में ट्रांसफर करा लिए। उनके बेटे आशीष व संस्था के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी हुई तो 22 मई 2020 को बैंक से सभी खाते फ्रीज करा दिए।
नयनतारा का आरोप है कि पीयूष ने अवनीश दीक्षित से संपर्क किया। अवनीश ने अधिवक्ता शैलेंद्र पांडेय, सुमित झा, संजीव मिश्रा, अंशुल पांडेय, जितेंद्र कुमार दीक्षित आदि के साथ मिलकर उनके परिवार के खिलाफ ही चकेरी और कोतवाली थाने मामला दर्ज करवा दिया। घर पर आकर धमकाया। आरोपियों ने फर्जीवाड़ा करते हुए खुद को ईको फ्रैंड्स सोसाइटी का सदस्य बना लिया। कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर सागुंडी गांव भीमताल और नैनीताल, उन्नाव व कानपुर की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। इन संपत्तियों की कीमत करीब ढाई करोड़ है। पीड़िता ने मामले को लेकर डीसीपी पूर्वी एसके सिंह से शिकायत की। इसपर एसीपी से मामले की जांच की। रिपोर्ट के आधार पर चकेरी थाने में दर्ज की गई। थाना प्रभारी संतोष कुमार शुक्ला के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।
प्रकरण में आरोपी अधिवक्ता शैलेंद्र पांडेय का कहना है कि उनके खिलाफ लगे आरोप निराधार और गलत है। वर्ष 2017 में अवनीश दीक्षित उनसे मिलने के लिए आते थे। इसलिए दूसरे पक्ष ने फेसबुक से उनका फोटो निकालकर जोड़ दिया।