जिन कुत्तों को वैक्सीन लग चुका है उसके काटने से रैबीज एकदम नहीं होगा ऐसा बिल्कुल नहीं है. बल्कि हम यह कह सकते हैं कि रैबीज का टीक लगने से ये बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है. कुत्तों के काटने और खरोंचने से 99 प्रतिशत रेबीज होने का खतरा बढ़ता है. यही कारण है कि पेट डॉग्स या स्ट्रीट डॉग को वैक्सीन दिए जाते हैं. ताकि इनके जरिए इंसानों में रेबीज न फैले. रेबीज एक खतरनाक बीमारी है और यह जानलेवा भी साबित हो सकती है.
वैक्सीन लगा हुआ कुत्ता काटता भी है तो सबसे पहले यह करना चाहिए
किसी व्यक्ति को कोई कुत्ता काटता है. तो उसे सबसे पहले एक काम करना चाहिए वह यह कि उस घाव को साबुन और पानी से धोना चाहिए और बिना वक्त गवाएं डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर कुत्ते को वैक्सीन लगी हुई है, लेकिन टीके की पुष्टी नहीं की जा रही है, तो आपको पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) प्राप्त करना चाहिए. अगर कोई कुत्ता काटता है. तो ऐसी स्थिति में कुत्ते को 10 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाना बेहद जरूरी है.
रेबीज वायरस क्या है?
रेबीज एक बहुत ही गंभीर और जानलेवा बीमारी है जो संक्रमित जानवर की लार, मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में अगर किसी भी तरह का घाव हो गया है तो उससे फैलती है. सबसे आम तौर पर संक्रमित जानवर के काटने से इंफेक्शन होता है. रेबीज वायरस तंत्रिका तंत्र से होकर मस्तिष्क तक पहुंचता है. जिसके कारण मृत्यु हो सकती है.
रेबीज के लक्षण
व्यवहार में बदलाव, अवसाद, बिना उकसावे के हमले)
भूख न लगना या खाने या पीने में कठिनाई
स्पर्श, तेज लाइट या आवाज सुनकर जल्दी रिएक्ट करना.
लकवाग्रस्त होकर लड़खड़ाना या गिरना
काफी ज्यादा लार टपकना
घाव वाली जगह को काटना या चाटना जहां पर यह हुआ था
जब आपके कुत्ते में रेबीज वायरस के लक्षण दिखने लगते हैं. तो वह आम तौर पर लगभग सात से दस दिन बाद मर जाता है.
लक्षण दिखने में कितना समय लगता है?
रेबीज वायरस के लक्षण जानवरों में दो सप्ताह के भीतर दिखाई दे सकते हैं. हालांकि ऐसे दुर्लभ मामले भी हैं जहां लक्षण कुछ महीनों तक दिखाई नहीं देते हैं. कौन सा वैक्सीन आपके पेट्स या कुत्ते को लगा है यह बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे मामले में सबसे पहले वैटनरी डॉक्टर को कॉन्टैक्ट करना चाहिए. अगर जानवर में रैबीज के लक्षण 10 दिनों में दिखाई दिए है तो वह अगले 10 दिनों में इस बीमारी को फैला सकता है.
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क्या टीका लगाया गया कुत्ता रेबीज फैला सकता है?
रेबीज का टीका 100% तक असरदार नहीं है. लेकिन यह अभी भी काफी हद तक इस बीमारी का प्रसार होने से रोकता है. आपके पालतू जानवर के लिए टीका लगवाना बेहद जरूरी है. क्योंकि रेबीज वायरस काफी आम है. रेबीज वायरस के संपर्क में आने पर और रेबीज के टीके लगवाने वाले किसी भी कुत्ते को तुरंत बूस्टर शॉट दिया जाता है. कुत्ते को 30 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाता है.
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टीका लगाए गए कुत्ते से रेबीज़ फैलने की संभावना कम है, लेकिन फिर भी संभव है.टीकाकरण की स्थिति चाहे जो भी हो, किसी भी कुत्ते ने अगर किसी व्यक्ति को काटा है, तो उसे दस दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाना चाहिए. अगर काटने के समय कुत्ता या बिल्ली संक्रामक था, तो जानवर के भीतर वायरस के कोई भी लक्षण उस 10-दिन की अवधि के भीतर दिखाई देंगे.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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