US Sanctions on 4 Indian Companies: अमेरिका ने भारत की चार कंपनियों पर बैन लगा दिया है, क्योंकि ये कंपनियां ईरान की कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार में शामिल है. अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार (24 फरवरी, 2025) को ये घोषणा की. ट्रंप सरकार की ओर से ये फैसला ईरान की तेल बिक्री को रोकने के लिए लिया गया है. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) और अमेरिकी विदेश विभाग ने विभिन्न देशों में 30 से ज्यादा व्यक्तियों और जहाजों पर बैन लगाए. भारत की चार कंपनियां भी इस लिस्ट में हैं, लेकिन भारतीय कंपनियों का ईरान से क्या संबंध है, ये भी आपको बता देते हैं.
OFAC और अमेरिकी विदेश विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, चार भारतीय कंपनियां- नवी मुंबई स्थित फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) स्थित बीएसएम मरीन एलएलपी, ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और तंजावुर स्थित कॉसमॉस लाइन्स इंक हैं. चार में से तीन कंपनियों को बैन इसलिए किया गया क्योंकि ये ईरानी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में तकनीकी प्रबंधक है, जबकि कॉसमॉस लाइन्स को ईरानी पेट्रोलियम के परिवहन में शामिल होने के लिए बैन किया गया है.
ये देश शामिल
OFAC कहा, “बैन की गई लिस्ट में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के तेल ब्रोकर्स और हांगकांग, भारत के टैंकर ऑपरेटर और प्रबंधक, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, ईरान की नेशनल ईरानी ऑयल कंपनी के प्रमुख और ईरानी ऑयल टर्मिनल कंपनी शामिल हैं. इन कंपनियों के संचालन से ईरान की गतिविधियों को फंडिग होती थी. बैन किए गए जहाज और सैकड़ों मिलियन डॉलर के कच्चे तेल दसियों मिलियन बैरल शिपिंग के जिम्मेदार हैं.
वैश्विक सुरक्षा को अस्थिर करने के लिए होती थी फंडिग
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि दुनिया की सुरक्षा को असुरक्षित करने के लिए ईरान अपने परमाणु हथियार, बैलिस्टिक मिसाइल और आतंकियों को सपोर्ट करता है. ईरान के तेल निर्यात कई अधिकार क्षेत्रों में अवैध तरीके से किया जाता है. ट्रंप सरकार की ओर से की गई ये कार्रवाई ईरान की अस्थिर गतिविधियों को रोकने के लिए की गई हैं.
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