मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल रात 2:30 बजे जागेंगे और भगवान वीरभद्र व मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले जाएंगे। इसके बाद भगवान का पंचामृत स्नान (दूध, दही, शहद, शक्कर, घी) किया जाएगा। पंचामृत पूजन के पश्चात भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के साधु-संतों द्वारा भस्म आरती की जाएगी।
भस्म आरती के बाद दिनभर विशेष पूजन-अर्चन किया जाएगा
- सुबह 7:30 से 8:15 बजे दद्योदक आरती
- 10:30 से 11:15 बजे भोग आरती
- दोपहर 12 बजे उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक
- शाम 4 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन
- शाम को पंचामृत पूजन और भगवान को संध्या आरती में गर्म मीठे दूध का भोग अर्पित किया जाएगा।
महाशिवरात्रि की रात 11 बजे से 27 फरवरी की सुबह 6 बजे तक भगवान महाकालेश्वर का महाअभिषेक होगा। इस दौरान 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश-एकादशनी रुद्रपाठ और विशेष मंत्रों के माध्यम से अभिषेक किया जाएगा। जिसमें पंचामृत, 101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी, 21 किलो शहद और 15 किलो घी, गंगाजल, गुलाब जल, भांग और विभिन्न प्रकार के फलों के रस का उपयोग किया जाएगा।
विशेष श्रृंगार और सेहरा दर्शन
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी (27 फरवरी) को भगवान महाकालेश्वर को नवीन वस्त्र धारण कराए जाएंगे। सप्तधान्य (चावल, खड़ा मूंग, तिल, गेहूं, जौ, साल, खड़ा उड़द) से भगवान का श्रृंगार किया। इसके अलावा- बाबा महाकाल को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड और आभूषणों से सजाया जाएगा। पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा, चांदी का सिक्का और बिल्वपत्र अर्पित किए जाएंगे। विभिन्न मिठाइयों, फलों और पंचमेवा का भोग अर्पित किया जाएगा।
27 फरवरी को सेहरा दर्शन के बाद दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार आयोजित होने वाली विशेष भस्म आरती की जाएगी। इसके बाद भोग आरती होगी और शिवनवरात्रि का पारणा किया जाएगा। दिनभर विभिन्न पूजन और आरती के पश्चात रात्रि में शयन आरती के बाद भगवान महाकालेश्वर के पट बंद कर दिए जाएंगे।
महाशिवरात्रि पर 10 लाख आएंगे
महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं के दर्शन की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने तैयारियां की हैं। अनुमान है कि करीब 10 लाख श्रद्धालु महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए 1600 पुलिसकर्मी और 150 ट्रैफिक जवान तैनात रहेंगे, वहीं 200 नए सीसीटीवी कैमरे और 3 ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग, जल व्यवस्था और छाया की विशेष व्यवस्था की गई है।