{“_id”:”67cb1ddbba19d47e060e7c64″,”slug”:”laddu-holi-2025-celebrations-in-radhrani-temple-barsana-2025-03-07″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Holi 2025: राधारानी के आंगन में रंग-गुलाल के साथ बरसे लड्डू, द्वापर युग से जुड़ी है ये अनूठी परंपरा; VIDEO”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
कान्हा की नगरी मथुरा में होली की धूम मची हुई है। अबीर-गुलाल के उड़ते बादलों से सतरंगी हुआ राधा का गांव बरसाना लाडली जी महल (राधारानी मंदिर) में लड्डुओं की बरसात हुई। नंदभाव के पांडा के नृत्य को देख श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
राधारानी मंदिर में लड्डू की होली – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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राधारानी का गांव बरसाना में होली के रंगों में सराबोर होकर झूम रहा है। यहां होने वाली विश्व प्रसिद्ध लठामार होली में आज लड्डूओं की मिठास घुली। बरसाना के श्रीजी महल से नंदगांव के नंदभवन में होली का निमंत्रण सखियों के हाथ पहुंचा। होली का निमंत्रण स्वीकारते ही बरसाना में लड्डू बरसने लगे। अनूठी लड्डू होली देखने मंदिर में हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े।
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द्वापर युग से जुड़ी परंपरा
लड्डू होली की अनूठी परंपरा से द्वापर युग से जुड़ी है। मान्यता है कि द्वापर में बरसाना से होली खेलने का आमंत्रण लेकर सखी नंदगांव गई थीं। इस निमंत्रण को नंदबाबा ने स्वीकार किया और इसकी खबर पंडा से बरसाना में बृषभान जी के यहां भिजवाई। इस पर राधारानी के पिता बृषभान ने नंदगांव से आए पंडा को खाने के लिए लड्डू दिए। बरसाना की गोपियों ने पंडा के गालों पर गुलाल लगा दिया। उनके पास गुलाल नहीं था तो वो खाने के लिए दिए गए लड्डुओं को ही गोपियों के ऊपर फेंकने लगा। तभी से यह लीला लड्डू होली की परंपरा आज तक चली आ रही है।