लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के चार छात्रों अमन तिवारी (रैंक 74), प्रशान्त सिंह (रैंक 102), रजत सिंह (रैंक 132) एवं अनुश्री सचान (रैंक 220) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चयनित होकर लखनऊ का नाम रोशन किया है। इन चारों छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं शिक्षकों के अलावा सीएमएस के शैक्षिक वातावरण को दिया है। सीएमएस प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने सीएमएस छात्रों की सफलता पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये होनहार छात्र उच्च पदों पर आसीन होकर सम्पूर्ण समाज में सीएमएस की ‘जय जगत’ की विचारधारा को बढ़ावा देंगे। प्रो.गांधी ने सीएमएस शिक्षकों को भी बधाईयाँ प्रेषित की है, जिनकी लगन व परिश्रम से ही इन छात्रों की नींव मजबूत हुई है। यह जानकारी सीएमएस के हेड, कम्युनिकेशन्स श्री ऋषि खन्ना ने दी है। श्री खन्ना ने बताया कि सीएमएस के इन होनहार छात्रों की अभूतपूर्व सफलता पर पूरे सीएमएस परिवार को गर्व है, जिन्होंने अपनी मेधा, प्रतिभा व लगन से सीएमएस का गौरव बढ़ाया है।
श्री खन्ना ने बताया कि आईएएस में चयनित अमन तिवारी (रैंक 74) ने सीएमएस गोमतीनगर प्रथम कैंपस से शिक्षा प्राप्त की वहीं प्रशान्त सिंह (रैंक 102) ने सीएमएस अलीगंज प्रथम कैम्पस से आईएससी (कक्षा-12) की परीक्षा उत्तीर्ण की एवं इसके उपरान्त दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। प्रशान्त ने आईएएस में चयन के उपरान्त सीएमएस का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मेरे मन में उच्च सफलता अर्जित करने के बीज सीएमएस ने ही बोये। प्रशान्त के पिताजी श्री सुशील कुमार सिंह पीसीएस अधिकारी हैं जबकि माताजी श्रीमती कनकलता सिंह गृहणी हैं। इसी प्रकार, आईएएस में चयनित सुश्री अनुश्री सचान ने सीएमएस कानपुर रोड कैम्पस से आईसीएसई की परीक्षा 90 प्रतिशत से अधिक अंको से उत्तीर्ण की एवं आईआईटी मुंबई से बीटेक किया। एक अनौपचारिक वार्ता में सीएमएस के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अनुश्री ने कहा कि सीएमएस का पाठ्यक्रम इस प्रकार डिजाइन किया गया है जो छात्रों को मेधावी व मेहनती बनाता है, ऐसे में आईएएस जैसी परीक्षाओं की लम्बी तैयारी करने में छात्रों को असुविधा नहीं होती। अनुश्री के पिताजी बीएसएनएल में इंजीनियर एवं माताजी गृहणी हैं। इसी प्रकार, आईएएस में चयनित सीएमएस गोमती नगर प्रथम कैम्पस के छात्र रजत सिंह ने भी सीएमएस को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए आभार व्यक्त किया है।