लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल द्वारा रेल यात्रियों एवं रेल सम्पत्ति की सुरक्षा हेतु अनेकों प्रभावी कदम उठाये जा रहे है। जिसके अन्तर्गत संरक्षित ट्रेन परिचालन हमारी सर्वाैच्च प्राथमिकता है। इसी क्रम में मण्डल के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा स्टेशनों, रेलवे यार्ड तथा रेल खण्ड़ों पर मौजूद रेल पटरियों का नियमित तौर पर अनुरक्षण एवं मानिटरिंग कार्य किया जाता है। जो यात्रियों को सुरक्षित यात्रा अनुभव एवं रेल संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इन कार्यों के माध्यम से रेल सेवाओं को और अधिक विश्वसनीय बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
इसी परिप्रेक्ष्य में पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के समस्त रेलखण्डों पर PQRS (Plasser Quick Relaying System), एक आधुनिक सेमी-मेकेनाइज्ड सिस्टम स्वचालित मशीन, जिसका उपयोग कम समय में पुरानी रेल पटरियों के स्थान पर नई पटरियों से बदलने के लिए किया जा रहा है तथा विशेष उपकरणों का उपयोग करके स्लीपरों सहित पुराने रेल पैनलों को हटाकर उनकी जगह नए पैनल भी लगाए जाते हैं। इसमें दो स्वचलित पोर्टल क्रेन होती हैं जिनका उपयोग ट्रैक बदलने के लिए होता है, कार्य के दौरान क्रेनों को ट्रैक पर उतारा जाता है जो पुराने ट्रैक को उठाती है और पहले से एकत्र किए गए नए पैनलों को लगाती है। पोर्टल क्रेन के पीछे टैम्पिंग मशीन भी लगाई जाती है जो नए ट्रैक को उठाने एवं टैम्पिंग का कार्य करती है। यह प्रक्रिया ट्रैक को तेजी से और उच्च गुणवत्ता के साथ नवीनीकृत करती है, जिससे ट्रेनें सुचारू रूप से चल सकें। इस माह अप्रैल 2025 में मसकनवां से लखपतनगर स्टेशनों के मध्य 3.4 किमी ट्रैक नवीनीकरण का कार्य किया गया है।