लखनऊ। पूर्वाेत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर श्री संजय सिंघल ने आज मुख्य विद्युत इंजीनियर/निर्माण श्री ओ.पी. सिंह, मुख्य विद्युत वितरण इंजीनियर श्री सुरेश कुमार एवं लखनऊ मण्डल के अपर मण्डल रेल प्रबन्धक (इंफ्रा0) श्री भुवनेश सिंह, वरिष्ठ मण्डल विद्युत इंजीनियर/टीआरडी श्री धनन्जय मिश्रा तथा अन्य शाखाधिकारियों की उपस्थिति में गोरखपुर कैंट-गोरखपुर जंक्शन (3.5 किलोमीटर) के मध्य नवनिर्मित तीसरी लाइन के 25 केवी ए.सी. सिंगल फेस (ओएचई) का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के आरम्भ में प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर श्री संजय सिंघल ने गोरखपुर जं0 रेलवे स्टेशन पर नवनिर्मित रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) पैनल, स्टेशन अधीक्षक कक्ष, विद्युत यार्ड प्लान, इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई (आईपीएस), बैटरी रूम, सीएलएस रूम का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थित रेल कर्मचारियों को विद्युतीकृत रेल लाइन पर संरक्षा सुनिश्चित करने हेतु विषम परिस्थितियों में कार्य करने की तकनीकी जानकारी प्रदान की।
निरीक्षण के अगले चरण में, श्री सिंघल ने टॉवर वैगन के माध्यम से गोरखपुर जंक्शन-गोरखपुर कैंट खंड के मध्य रेल ओवर ब्रिज (आरओबी), (पीटीएफइ) फिटिंग्स, बैटरी रूम, न्यूट्रल सेक्शन, और ओवरहेड ट्रैक्शन लाइन की मानक ऊँचाई का सावधानी पूर्वक निरीक्षण किया। इस दौरान सभी विद्युतकर्षण लाइन फिटिंग्स और उपकरणों की गुणवत्ता, मानक अनुरूपता, और संरक्षा पहलुओं की गहन जाँच की गई।

निरीक्षण के अंतिम चरण में, श्री सिंघल ने 132 के.वी. ट्रांसमिशन लाइन का अवलोकन किया। गोरखपुर कैंट स्टेशन पर पहुँचकर उन्होंने रिले रूम, विद्युत यार्ड प्लान, आईपीएस, बैटरी रूम, और ओवरहेड ट्रैक्शन लाइन की मानक ऊँचाई व संरक्षा मानकों का निरीक्षण किया। सभी तकनीकी पहलुओं की जाँच के साथ-साथ स्टेशन पर विद्युतीकरण कार्य की प्रगति और गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया।
गोरखपुर कैंट-गोरखपुर जंक्शन तीसरी लाइन का विद्युतीकरण पूर्वाेत्तर रेलवे के नेटवर्क में क्षमता वृद्धि और परिचालन दक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के साथ-साथ पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल रेल परिवहन को बढ़ावा देगी।
इस अवसर पर वरिष्ठ मण्डल इंजीनियर (प्रथम), वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबन्धक/कोचिंग, वरिष्ठ मण्डल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर, सहायक मण्डल संरक्षा अधिकारी, सहायक विद्युत इंजीनियर (सामान्य), और अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।