गाजियाबाद के नाहल गांव में 25 मई की रात गौतमबुद्धनगर पुलिस टीम पर हुए हमले के दौरान घटनास्थल पर करीब डेढ़ हजार लोगों की भीड़ मौजूद थी। सर्विलांस टीम ने गांव में लगे मोबाइल टॉवर के बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) से इन लोगों की लोकेशन ट्रेस की है।
घटनास्थल के नजदीक तीन घरों में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) और एनवीआर (नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर) भी कब्जे में ली गई हैं। पुलिस के अनुसार, इनसे आरोपियों की पहचान करने में काफी मदद मिल रही है।
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गोली लगने के बाद पड़ा घायल सिपाही
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इन्हीं वीडियो और फुटेज से डेढ़ हजार की भीड़ में से 140 लोगों को पुलिस ने चिह्नित किया है जो पथराव और फायरिंग की वारदात में सीधे शामिल माने जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक मामले की परत दर परत खोली जा रही है।
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सिपाही सौरभ देशवाल की फाइल फोटो
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घटनास्थल के नजदीक लगे मोबाइल टॉवर से रविवार की रात 10 से 12 बजे के बीच घटनास्थल पर सक्रिय मोबाइल फोन नंबरों का ब्योरा सर्विलांस टीम ने जुटाया है। 15 आरोपियों की पहचान कर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिए हैं। पुलिस अब तक 65 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। घटना के चश्मदीद गवाहों और आरोपियों की पहचान करने वालों की तलाश की जा रही है।
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गिरफ्त में आरोपी कादिर
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शपथ लेने थाने नहीं पहुंचा था हिस्ट्रीशीटर
20 अप्रैल 2025 को मसूरी थाना क्षेत्र के अपराध में संलिप्त लोगों को अपराध न करने की शपथ दिलाई गई थी। थाना क्षेत्र के करीब 90 लोग थाने पहुंचे थे। इनमें से अधिकांश लूट, डकैती, गोकशी, वाहन चोरी आदि घटनाओं में शामिल अपराधी थे।
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गिरफ्त में आरोपी कादिर और उसका घर
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पुलिस के सामने इन लोगों ने शपथ ली थी कि वह अब अपराध नहीं करेंगे। मसूरी थाना पुलिस ने नाहल गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर कादिर उर्फ मंटर की जांच-पड़ताल की तो पता चला कि शपथ के दौरान वह शामिल नहीं हुआ था।