लखनऊ/एबीएन न्यूज। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपनाई गई ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नीति ने प्रदेश में उद्योग स्थापना के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए न सिर्फ निवेशकों का भरोसा जीता है, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने इस दिशा में 43 विभागों की 487 से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन कर एक सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से निवेशकों के लिए औद्योगिक प्रक्रियाओं को सरल बनाया है।
राज्य सरकार ने भूमि आवंटन, निर्माण अनुमति, पर्यावरण स्वीकृति, कर भुगतान, निरीक्षण प्रक्रियाएं और लाइसेंस जारी करने जैसी प्रक्रियाओं को डिजिटल और समयबद्ध कर दिया है। इससे व्यापारियों और उद्यमियों को अब सरकारी कार्यों में अनावश्यक विलंब का सामना नहीं करना पड़ता।
“निवेश मित्र पोर्टल” और “निवेशी सारथी पोर्टल” के माध्यम से उद्योगपतियों को एक ही स्थान पर आवश्यक अनुमतियां, लाइसेंस और जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेश में अब तक 12.5 लाख से अधिक आवेदन निस्तारित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों छोटे-बड़े उद्योग आरंभ हुए हैं।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (BRAP) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2019 में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। राज्य सरकार द्वारा 4674 से अधिक रेगुलेटरी बोझ को कम करते हुए व्यापार और उद्योग के लिए वातावरण को सुविधाजनक बनाया गया है।
इस नीति के चलते सैमसंग जैसी वैश्विक कंपनियों सहित कई बड़े उद्योग समूह अब उत्तर प्रदेश में अपने उद्योग स्थापित कर रहे हैं। इससे प्रदेश के कुशल व अकुशल श्रमिकों, कौशल प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं और नवोद्यमियों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।