Sawan 2025: सावन का महीना शुरू हो चुका है. ये महीना भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना के लिए विशेष समय होता है. इसके साथ ही सावन महीने में अग्निहोत्र यज्ञ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. मान्यताओं के मुताबिक इस यज्ञ करने से वातावरण शुद्ध होने के साथ पवित्र भी होता है.
अग्निहोत्र यज्ञ करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होने के साथ घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है. इसके साथ ही इस यज्ञ को करने से ग्रहों दोषों से छुटकारा मिलता है. साथ ही मानसिक शांति की प्राप्ति भी होती है. आइए जानते हैं अग्निहोत्र यज्ञ के बारे में.
कैसे करें अग्निहोत्र यज्ञ
मान्यताओं के मुताबिक अग्निहोत्र यज्ञ पहले के समय में हर घर में किया जाता था. 5 मिनट की अवधि में होने वाला ये यज्ञ घर के साथ आस-पास के वातावरण को भी शुद्ध करता है. श्रावण मास में इसे कारण शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं इस यज्ञ को करते कैसे हैं?
अग्निहोत्र यज्ञ करने के लिए सबसे पहले तांबे का हवन कुंड चाहिए. हवन करने के लिए चावल, घी और गोबर के उपले ले आए. इसके बाद चावल पर घी मिलाने के बाद हवन कुंड में उपले डालकर उसके ऊपर थोड़ा घी डालकर इसे जला दें. फिर दो बार चावल की आहुति दें और 5 बार घी की आहुति दे. इस दौरान गायत्री मंत्र का जाप करना शुभ होता है.
सावन में इस यज्ञ को करने से मिलता है लाभ
यज्ञ पूर्ण होने के बाद ध्यान मुद्रा में बैठें. ये प्रक्रिया हमें अंदर से जागृत करती है. मानव शरीर में तीन अग्नि होते हैं, जिसमें पहला जात्र अग्नि जो पाचन क्रिया में काम करती है. भूत अग्नि हमारे तत्व को संतुलन रखता है. ज्ञान अग्नि हमारे विवेक को जागृत करती है. सावन में अग्निहोत्र करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
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