गोरखपुर/लखनऊ/एबीएन न्यूज। रेल मंत्रालय ने उत्तर भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हिमालय की तराई में स्थित भीरा खीरी–रायबोझा (120 किमी) के मध्य नई ब्रॉड गेज रेल लाइन निर्माण तथा मैलानी–भीरा खीरी (16 किमी) और नानपारा–रायबोझा (13 किमी) के आमान परिवर्तन (मीटर गेज से ब्रॉड गेज में) के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे (एफ.एल.एस.) को स्वीकृति प्रदान की गई है।
इस परियोजना का उद्देश्य मैलानी से नानपारा तक ब्रॉड गेज रेल संपर्क स्थापित करना है, जिससे यह क्षेत्र भारतीय रेल के ब्रॉड गेज नेटवर्क से जुड़ सकेगा और राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकेगा।
03.58 करोड़ रुपये की लागत से इस सर्वेक्षण को मंजूरी दी गई है, जिसमें फाइनल लोकेशन सर्वे के साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी.पी.आर.) तैयार की जाएगी। यह कार्य उत्तर प्रदेश के खीरी और बहराइच जनपदों में स्थित मौजूदा मीटर गेज लाइन को आधुनिक ब्रॉड गेज में परिवर्तित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।
परियोजना के तहत, भीरा खीरी से रायबोझा के मध्य नई ब्रॉड गेज लाइन का निर्माण ‘दुधवा राष्ट्रीय उद्यान’ के बाहर से प्रस्तावित है, ताकि पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ विकास भी सुनिश्चित किया जा सके। इस नई रेल लाइन के ब्रॉड गेज होने से दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर जैसे पश्चिमी और उत्तरी भारत के शहरों तक सीधा और तेज़ रेल संपर्क संभव हो सकेगा। पूर्वी भारत से उत्तराखंड एवं पीलीभीत की यात्रा के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। क्षेत्र के पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, खासकर दुधवा नेशनल पार्क, भीरा और आसपास के क्षेत्रों में। वन्य एवं कृषि उत्पादों को देश के बड़े महानगरों तक विपणन हेतु सीधी रेल सुविधा मिलेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। इस परियोजना से सीमावर्ती क्षेत्रों के रोजगार, परिवहन, कृषि और व्यापार में व्यापक विकास की संभावनाएं प्रबल होंगी।
यह निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत” के विजन तथा “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांतों को साकार करने की दिशा में एक मजबूत पहल है।