Sharad Purnima 2025 Date: पूर्णिमा हर महीने आती है लेकिन अश्विन महीने की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी का जन्मोत्सव माना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था. इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है. इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था.
इस दिन सत्यनारायण की कथा करवाने का विशेष फल मिलता है. प्रसाद के रूप में इस दिन पायस (खीर) बनाई जाती है. इस साल शरद पूर्णिमा 2025 में कब मनाई जाएगी, इसकी तारीख, मुहूर्त और महत्व जान लें.
शरद पूर्णिमा 2025 तारीख
शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी. इस दिन दोपहर 12.23 से पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है और समाप्ति इसकी 7 अक्टूबर को सुबह 9.16 पर होगी.
शरद पूर्णिमा पर चंद्रोदय समय – शाम 5.27 मिनट पर होगा
क्यों शरद पूर्णिमा पर खीर खुले आसमान में रखते हैं ?
शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में रखी खीर खाने का विशेष महत्व बताया गया है. शरद का एक अर्थ चन्द्रमा भी है और इस दिन चाँद की किरणों का अपना एक अलग ही महत्त्व होता है. कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र की किरणों में स्वयं अमृत समाहित होता है. माना जाता है कि चांद की किरणों से खीर में अमृत का रस घुल जाता है. इस खीर को ग्रहण करने से अमृत के गुण प्राप्त होते हैं.
शरद पूर्णिमा के अलग-अलग नाम
- श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा के दिन ही गोकुल में गोपियों संग महारास रचाया था। इसीलिए इसका एक नाम “रास पूर्णिमा” भी है.
- कोजागरी पूर्णिमा इसका अर्थ है कौन जाग रहा है. दरअसल इस दिन देवी लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं, माना जाता है कि जो लोग रात्रि जागरण कर कोजागरी पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं उन्हें महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होत है. इस दिन ऐरावत पर आरूढ़ देवराज इंद्र की पूजा करने का भी विधान है.
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