नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटा दिया है . सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने बताया कि सोमवार (8 सितंबर 2025) को हुई कैबिनेट बैठक में सोशल मीडिया से बैन हटाने का फैसला लिया गया. हालांकि, मंत्री गुरुंग ने कहा कि सरकार को सोशल मीडिया प्रतिबंधित करने के फैसले पर कोई पछतावा नहीं है.
उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया से बैन हटाने का फैसला उन विरोध प्रदर्शनों के कारण लिया गया है, जो इसे बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे.” प्रधानमंत्री ने कैबिनेट को बताया कि प्रतिबंधित कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने ऐसी प्रतिक्रिया दी है, जो नेपाल के राष्ट्रीय गौरव का सम्मान नहीं करती.
नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट में कितने लोगों की मौत?
नेपाल में प्रतिबंध के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में कम से कम 21 लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक घायल हुए हैं. नेपाल के संचार, सूचना और प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने घोषणा की कि सरकार ने कैबिनेट की आपात बैठक के बाद सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध का अपना फैसला वापस ले लिया है. गुरुंग ने कहा कि सूचना मंत्रालय ने संबंधित एजेंसियों को काठमांडू के मध्य में संसद के सामने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने वाले ‘जेन जी’ समूह की मांगों के अनुसार सोशल मीडिया साइटों को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया आरंभ करने का आदेश दिया है.
नेपाल ने क्यों 26 सोशल मीडिया साइटों पर लगाया था बैन?
तीन दिन पहले नेपाल सरकार ने फेसबुक और ‘एक्स’ समेत 26 सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, क्योंकि वे बिना किसी वैध रजिस्ट्रेशन के काम कर रही थीं. मंत्री ने विरोध कर रहे ‘जेन जी’ समूह से विरोध प्रदर्शन खत्म करने का अनुरोध किया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोमवार को प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए. इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें, आंसू गैस और गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा. इस बीच, फेसबुक, एक्स और व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइट सोमवार रात से फिर से चालू हो गई हैं.
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