Chhath Puja 2025 Sunrise Time: छठ हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. लोक आस्था से जुड़ा यह महापर्व हिंदू धर्म के प्राचीन त्योहारों में एक है जोकि सूर्य देवता और षष्ठी देवी को समर्पित है. इसे सूर्य षष्ठी, छठ पर्व, छठ, छठ पूजा, डाला पूजा और डाला छठ आदि जैसे नाम से भी जाना जाता है. 28 अक्टूबर 2025 को उषा अर्घ्य के साथ चार दिवसीय महापर्व का समापन हो जाएगा.
छठ में सूर्य देवता को जल अर्पित कर अर्घ्य देने का अनुष्ठान सबसे महत्वपूर्ण होता है. इसका कारण यह है कि छठ एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें उगते हुए सूर्य के साथ ही ढलते हुए सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है. 27 अक्टूबर को अस्ताचलगानी यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद, 28 अक्टूबर 2025 को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके बाद छठ पर्व का समापन हो जाता है. आइये जानते हैं छठ के अंतिम दिन सूर्य के लिए सूर्योदय का समय.
उषा अर्घ्य का महत्व (Udaygami Arghya)
छठ के अंतिम दिन सूर्योदय के समय दिया जाने वाला उषा अर्घ्य, एक नए दिन और दिव्य ऊर्जा के आगमन का उत्सव है, जो 36 घंटे के निर्जला व्रत और चार दिवसीय पर्व के समापन का प्रतीक है.
छठ 2025 उषा अर्घ्य समय (Chhath Puja 2025 Usha Arghya Timing)
छठ पूजा में उषा अर्घ्य या उदयगामी अर्ग्य 28 अक्टूबर 2025 की सुबह 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. आप सूर्य को प्रातःकालीन अर्घ्य सुबह 5:33 से सुबह 6:30 तक दे सकते हैं. 28 अक्टूबर को सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 29 मिनट रहेगा. इससे पहले सूर्य को अर्घ्य दे दें.
अर्घ्य देने के नियम (Chhath Puja Surya Arghya Rules)
सबसे पहले अर्घ्य देने के लिए किसी पवित्र नदी या घाट पर जाएं. घुटने या फिर कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य देव की पूजा करें और फिर तांबे के लोटे में गंगाजल, दूध और लाल फूल डालकर सूर्य की ओर मुख करके धीरे-धीरे जल चढ़ाएं. इसके बाद ठेकुआ, फल, गन्ना, मूली और अन्य सामग्रियों से सजे सूप या दउरा के साथ परिक्रमा करें और अर्घ्य दें.
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