अरुणा वाहने, निलंबित टीआई
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इन दिनों कटनी जीआरपी थाने का 29 अक्तूबर 2023 का अपराधियों के खिलाफ सख्ती से पूछताछ का पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चाओं में है। कांग्रेस जहां पुलिस की इस कार्रवाई को दलित महिला के नाम पर भुना रही है। वहीं, सोशल मीडिया में कुछ तथाकथित लोग बिना जानकारी के भ्रामक समाचार पोस्ट कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि तथाकथित इस वीडियो में नजर आने वाली महिला एक अपराधी प्रवृति की महिला है और इस महिला पर विभिन्न थानों में अपराध पंजीबद्ध हैं।
वहीं, वीडियो में दिख रहे युवक के विरुद्ध भी थाने में अपराध पंजीबद्ध हैं। मामले से जुड़े अपराधी दीपक वंशकार के विरुद्ध जिला बदर की भी कार्रवाई की गई है और यह अपराधी 10 हजार रुपये का इनामी अपराधी है और उसके ऊपर लगभग 19 अपराध पंजीबद्ध हैं।
मामला क्यों आया सुर्खियों में
दरअसल, दीपक वंशकार बहुत ही शातिर किस्म का अपराधी है और इसके खिलाफ जीआरपी थाना कटनी के अपराध क्रमांक 556/23 धारा-379 के फरार आरोपी दीपक वंशकार पिता स्वर्गीय चंदन वंशकार उम्र 25 वर्ष निवासी झर्रा टिकुरिया फारेस्टर वार्ड थाना रंगनाथ नगर जिला कटनी का जीआरपी थाने का निगरानीशुदा बदमाश है, जिसके विरुद्ध थाना जीआरपी कटनी में कुल 12 अपराध पंजीबद्ध हैं। जीआरपी कटनी में तीन इस्तगामा 110 जाफौ के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है तथा शहर कटनी के थाना रंगनाथ नगर जिला कटनी में चार अपराध, थाना माधवनगर में एक अपराध, थाना कोतवाली में तीन अपराध पंजीबद्ध होकर माननीय न्यायालय में विचाराधीन हैं।
आरोपी दीपक वंशकार के विरुद्ध कुल 18 अपराध पंजीबद्ध होने से तथा साल 2016 से अभी तक लगातार अपराधों में संलग्न होकर सक्रिय होने से चोरी एवं लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देने से तथा जीआरपी कटनी के पूर्व से निगरानी बदमाश होकर गैंग चला रहा था, जिसकी जीआरपी थाना कटनी में गैंग हिस्ट्रीशीट खोली गई है। जो आरोपी दीपक वंशकार गैंग का लीडर एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश से आरोपी दीपक वंशकार के विरुद्ध मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा चार, पांच और छह के तहत जिला बदर की भी कार्रवाई की गई है।
वहीं, दीपक वंशकार की मां कुसुम वंशकार के खिलाफ जीआरपी थाना कटनी में 30 अक्तूबर 2023 को 151 का मामला पंजीबद्ध है। सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली है, उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के एक थाने में भी इस महिला के खिलाफ शराब की तस्करी का मामला पंजीबद्ध हुआ है। वहीं, आरोपी के बेटे दीपराज वंशकार के खिलाफ 2023 में रंगनाथ नगर थाने में धारा- 294, 323, 506 और 34 का अपराध दर्ज है। इन्हीं अपराधों के खुलासे के संदर्भ में जीआरपी कटनी ने पूछताछ की है।
कहां से आया वीडियो चर्चा में
चूंकि इस मामले को लगभग 10-11 महीने हो चुके हैं और पुलिस अपनी पूछताछ और पड़ताल में इन लोगों से मिली जानकारी के अनुसार तमाम अपराधों के खुलासे कर चुकी है। अचानक ही इस मामले में कटनी का एक तथाकथित पत्रकार द्वारा जीआरपी टीआई अरूणा वाहने से लगातार व व्हाट्सएप चैट एवं संपर्क कर इस 10 महीने पुरानी पुलिस पूछताछ की घटना के वीडियो होने की जानकारी देने लगा और बताने लगा कि आरोपी दीपक वंशकार के वकील निवासी झररा टिकुरिया थाना रंगनाथ नगर लीलाधर जाटव के पास भी इस घटना के वीडियो हैं।
विदित हो कि लीलाधर जाटव का भाई राजेश जाटव झररा टिकुरिया का कांग्रेस पार्टी का पूर्व पार्षद हैं और वह आपकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से कर रहा है। टीआई वाहने को बैठकर इस मामले को निपटाने की बात कहने लगा। पत्रकार कहने लगा कि यह वीडियो मुझे कहां से मिला है और किसने दिया है और इसमें जीआरपी थाना कटनी के कौन-कौन पुलिसकर्मी संलग्न हैं। यह सब जानकारी देने के लिए मिलने की बात कहकर यह प्रस्ताव देता रहा कि मेरा इलाज किडनी में स्टोन का बंसल हाॅस्पिटल भोपाल में होना है। मैं चाहता हूं कि सारे वीडियो आपको देकर अपना इलाज भोपाल जाकर करवाऊं।
इस मंशा के साथ वह लगातार जीआरपी कटनी टीआई से संपर्क करने लगा। 28 अगस्त 2024 को लगातार टीआई वाहने के संपर्क में रहा। तथाकथित पत्रकार चाहता था कि उसे पांच लाख रुपये दिए जाएं, जिससे वह अपने पास के वीडियो डिलीट कर देगा और अपने इलाज के लिए भोपाल रवाना हो जाएगा। उसकी इस मांग को नहीं मानने के कारण आखिरकार पुलिस की जांच-पड़ताल की यह वीडियो वायरल कर दिया गया और कांग्रेस इस वीडियो को दलित महिला के नाम पर भुनाने का प्रयास करने लगी। जरूरी है यह जानना कि तथाकथित पत्रकार को जीआरपी थाने के गोपनीय वीडियो कहां से प्राप्त हुए।
कांग्रेस दलित महिला के नाम पर कर रही है राजनीति
तमाम अपने ट्वीट में कांग्रेस के नेताओं ने इस बात का उल्लेख किया है कि वह महिला दलित समाज की है और पुलिस दलित महिला का उत्पीड़न कर रही है। जबकि सच्चाई यह है कि कटनी जीआरपी टीआई अरूणा वाहने भी दलित समाज से आती हैं और वाहने इस कार्रवाई को किसी भी दुर्भावनावश बिल्कुल भी नहीं कर रही है। बल्कि इस महिला का पुत्र दीपक वंशकार बहुत ही शातिर अपराधी है और तमाम अपराधों में लिप्त आरोपी है। दीपक लूटपाट और चोरी करके चोरी का सामान अपनी मां कुसुम और पुत्र दीपराज वंशकार के पास छोड़कर फरार हो जाता था और कुसुम और दीपराज के खिलाफ भी पूर्व से ही थानों में अपराध पंजीबद्ध हैं।
अब सवाल यह है कि मानव अधिकार या दलित उत्पीड़न की बात करने वाले सभी बुद्धिजीवियों को यह भी सोचना होगा कि जिन यात्रियों के पास से लाखों की चोरी हो रही है और दीपक वंशकार जैसे अपराधी लगातार चोरी कर रहे हैं तो ट्रेन में सफर करने वाले सामान्य आमजनों के अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है, जिसके पास से लाखों रुपये और पैसे की चोरी होती है। ऐसे यात्रियों को किस पीड़ा के दौर से गुजरना पड़ता है। इस पर भी चिंतन करना अनिवार्य है। इसके साथ ही इतने अपराधों में लिप्त ऐसे आरोपियों से सच्चाई बाहर लाने के लिए अगर पुलिस ने थोड़ी सख्ती से पूछताछ की है तो इसमें पुलिस की कितनी गलती है। जबकि इसी मामले की पूर्व में भी दो बार शिकायत की जा चुकी है और दो बार जांच हो भी चुकी है।