केंद्रीय कैबिनेट पहुंची DA/DR की दरों में बढ़ोतरी की फाइल
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केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते/महंगाई राहत की दरों में तीन से चार फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। डीए/डीआर की दरों में वृद्धि की फाइल केंद्रीय कैबिनेट की टेबल पर पहुंच चुकी है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस फाइल पर मुहर लग सकती है।
दिवाली से पहले एलान कर सकती है सरकार
पिछले सप्ताह भी केंद्रीय कर्मचारियों को डीए व डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब दशहरे का त्योहार भी जा चुका है। दिवाली से पहले सरकार, महंगाई भत्ते/महंगाई राहत की दरों में वृद्धि कर कर्मचारियों को तोहफा दे सकती है। वर्तमान में 50 प्रतिशत दर के हिसाब से डीए/डीआर मिल रहा है।
तीन को हुई थी बैठक
बता दें कि डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा, सितंबर माह में कर दी जाती है। इस बार अक्तूबर प्रारंभ हो गया है, लेकिन इन भत्तों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। तीन अक्तूबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी। उसमें रेल कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस देने की घोषणा की गई थी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि रेल कर्मचारियों के लिए 2029 करोड़ रुपये के बोनस को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों को यह आस बंध गई थी कि 9 अक्तूबर की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए की घोषणा कर दी जाएगी। हालांकि, उस दिन केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए की फाइल नहीं पहुंची थी।
एसबी यादव ने लिखा था पत्र
‘कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स’ के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। पत्र में कहा गया कि इन भत्तों का भुगतान अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। अगर अक्तूबर में केंद्र सरकार, भत्तों व बोनस देने की घोषणा करती है तो उनका भुगतान नवंबर में हो सकेगा। दूसरी तरफ इन भत्तों को तय समय पर जारी न कर सरकार खुद लाभ कमा रही है।
यह की थी मांग
एसबी यादव के अनुसार, वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा गया था कि महंगाई भत्ता ‘डीए’ और महंगाई राहत ‘डीआर’ एक जुलाई से देय है। अभी तक इन भत्तों की घोषणा नहीं की गई है। आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में इसकी घोषणा कर दी जाती थी। इसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में कर्मचारियों को तीन महीने का बकाया भुगतान किया जाता था। इन भत्तों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में गहरा असंतोष है। नवरात्र, दुर्गा पूजा उत्सव, दशहरा व दीवाली जैसे बड़े त्योहार हैं, लेकिन अभी तक डीए की घोषणा नहीं हो सकी है। यादव ने अपने पत्र में कहा था, परिसंघ उपरोक्त मामले में आपके तत्काल हस्तक्षेप की मांग करता है। वित्त मंत्री से अनुरोध है कि वे तत्काल प्रभाव से डीए/डीआर देने की घोषणा करें।
डीए की दरों में होगी बढ़ोतरी?
केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते ‘डीए’ की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से की जाती है। इसके द्वारा सरकार, खुद लाभ कमा लेती है। चूंकि डीए/डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए/डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है। नियमानुसार, पहली जनवरी और पहली जुलाई से महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी करने का प्रावधान है, लेकिन केंद्र सरकार हर दफा यह घोषणा करने में तीन चार माह की देरी कर देती है। अमूमन सितंबर में डीए की घोषणा हो जाती है, लेकिन इस बार अभी तक सरकार ने डीए बढ़ोतरी को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया था।
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड के वरिष्ठ सदस्य सी.श्रीकुमार ने कहा, सरकार को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए। जब पहली जनवरी और पहली जुलाई से डीए बढ़ोतरी का नियम है तो इसमें कई माह की देरी क्यों हो रही है। केंद्र सरकार के लगभग 48 लाख कर्मियों और 62 लाख पेंशनरों को डीए/डीआर में बढ़ोतरी का फायदा मिलता है। ऐसे में सरकार को हजारों करोड़ रुपये कर्मियों की सेलरी में देने पड़ते हैं। अगर यह राशि देने में तीन चार माह की देरी होती है तो सरकार हजारों करोड़ रुपये बचा लेती है।