लखनऊ। भारतीय रेल विद्युतीकरण के गौरवपूर्ण सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वर्ष 2025 को शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। 3 फरवरी 1925 को मुंबई वीटी से कुर्ला के मध्य पहली विद्युत इंजन संचालित ट्रेन चलाई गई थी। 1925 से जनवरी 2025 तक भारत का 97 प्रतिशत रेल नेटवर्क विद्युतीकृत हो चुका है। पिछले वर्ष लखनऊ मंडल के सुभागपुर-पचपेड़वा बीजी लाईन के विद्युतीकरण के साथ ही पूर्वाेत्तर रेलवे के 3,225 किलोमीटर बी.जी. रेल नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है जिन पर अब विद्युत इंजन कार्य कर रहे हैं। गोरखपुर और गोंडा विद्युत लोको शेडों में 197 विद्युत इंजनों की होल्डिंग के साथ लखनऊ मंडल पूर्वाेत्तर रेलवे में इस उपलब्धि का ध्वजवाहक (Flagbearer) है, जिसे भविष्य में 300 विद्युत इंजनों की होल्डिंग तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
विद्युतीकरण से क्षेत्र में रेल नेटवर्क की दक्षता, गति और पर्यावरणीय प्रभाव में सुधार हुआ है और हम आगे भी इसे बरकरार करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर एनई रेलवे सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, गोरखपुर के छात्र-छात्राओं के दल ने पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ मण्डल के गोरखपुर स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड का स्टडी टूर किया एवं वहॉ उपस्थित रेलवे अधिकारियों एवं सुपरवाइजरों से विभिन्न रेलवे इंजनों की कार्य प्रणाली एवं संरचना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
इसी क्रम में एनई रेलवे सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, गोरखपुर के प्रांगण में “Know your Railway Engines” थीम पर आधारित निबन्ध तथा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।