मांझे की अवैध फैक्टरी में हुआ था विस्फोट
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बरेली के बाकरगंज इलाके में खूनी मांझे से कई गोदाम भरे हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही के बीच मांझा कारोबारी गोदामों से चोरी-छिपे माल निकाल रहे हैं। कई कारोबारियों ने काइट डोर, केके, डीके, केजीएन नामों से फर्मों का पंजीकरण करा रखा है। एक फर्म का पंजीकरण कर सौ-सौ ब्रांड तैयार किए जा रहे हैं। इसको लेकर हर कोई चकित है कि मांझा बनाने में भी विस्फोटक का इस्तेमाल होता है। बांकरगंज में शुक्रवार को मांझा बनाते समय धमाका होने से फैक्टरी मालिक अतीक, कारीगर सरताज व फैजान की मौत होने के बाद मोहल्ले में कारोबारियों ने मांझा बनाना बंद कर दिया है।
कुटीर उद्योग की तरह चल रहा ये धंधा
शहर में कुटीर उद्योग की तरह चल रहे खूनी मांझे के कारोबार ग्रामोद्योग कार्यालय से भी जानकारी मांगी गई है। कुछ मांझा करोबारियों ने जीएसटी में पंजीकरण करा रखा है। इस संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है। जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी अजयपाल ने बताया कि उनके यहां मांझा संबंधी कोई फर्म पंजीकृत नहीं है। मांझा बनाने के लिए फैक्टरी आदि लगाने के लिए खादी ग्रामोद्योग की ओर से कोई सहायता भी नहीं दी जाती।
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Manjha Factory Explosion: जांच करती फॉरेंसिक टीम
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कहां से आता है इतना गंधक-पोटाश?
जांच के दौरान सामने आया है कि अतीक ने अपनी फर्म का जीएसटी पंजीकरण करा रखा था। वह भी 50 से ज्यादा अलग-अलग नामों से मांझा बनाकर उसकी सप्लाई जिले समेत आसपास के जिलों और राज्यों में करता था।शुक्रवार को हुए विस्फोट ने पुलिस-प्रशासन के निगरानी तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि मांझा निर्माताओं के पास इतनी तादाद में गंधक-पोटाश कहां से आता है। पुलिस की जांच इस दिशा में भी चल रही है।
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यहीं पर बन रहा था मांझा
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अब सता रहा कार्रवाई का डर, सूने पड़े हैं अड्डे
ठेकेदार अतीक के घर में हुए धमाके में तीन लोगों की मौत ने मांझा कारीगरों को डरा दिया है। ईदगाह पर लगे मांझे के अड्डों पर आम दिनों में दिनभर काम होता है। यहां कारीगरों की चकल्लस से खासी रौनक रहती है। शनिवार को सभी अड्डे सूने पड़े थे। मैदान में कुछ लड़के क्रिकेट खेल रहे थे। इसी तरह बस्ती के घरों में भी काम बंद था। लोग मांझे के धंधे के बारे में बात करने से भी कतराते दिखे।
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विस्फोट में हुई थी तीन लोगों की मौत
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अवैध रूप से विस्फोटक रखने और मांझा बनाने के आरोप में तीनों मृतकों पर रिपोर्ट
बरेली के बाकरगंज में मांझा बनाने की अवैध फैक्टरी में हुए धमाके में तीन लोगों की मौत के बाद पुलिस-प्रशासन की नींद टूटी है। शनिवार को किला थाना प्रभारी राजेश कुमार ने अवैध रूप से विस्फोटक रखने और मांझा बनाने के आरोप में तीनों मृतकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। डीएम भी इस मामले की जांच करवा रहे हैं।
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मौके पर जांच करते पुलिस अधिकारी
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किला थाना प्रभारी ने बताया कि सात फरवरी को सुबह करीब 10 बजे उन्हें बाकरगंज मोहल्ले की ओर तेज धमाका होने की सूचना मिली। टीम के साथ वह मौके पर पहुंचे तो पता चला कि मांझा ठेकेदार अतीक रजा खान के घर में विस्फोट हुआ है। अंदर जाकर देखा तो चहारदीवारी से घिरे दो मंजिला मकान के आंगन में तीन व्यक्ति झुलसे व रक्तरंजित हालत में पड़े थे। इनमें से अतीक और फैजान की मौके पर मौत हो गई थी। घायल सरताज को जिला चिकित्सालय भेजा गया। वहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। रिपोर्ट में आरोपी के तौर पर इन्हीं तीन मृतकों के नाम लिखे गए हैं।