{“_id”:”67b7685394eaa755a4033201″,”slug”:”up-now-tall-buildings-can-be-built-even-on-less-land-new-township-will-be-established-in-ghaziabad-yogi-ca-2025-02-20″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”यूपी: अब कम जमीन पर भी बन सकेंगे ऊंचे भवन, गाजियाबाद में बसेगी नई टाउनशिप, योगी कैबिनेट ने लिए ये बड़े फैसले”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
योगी कैबिनेट के फैसले। – फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
राज्य सरकार मेट्रो रेल, लाइट मेट्रो रेल, क्षेत्रीय त्वरित रेल जैसी सुविधा वाले क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही जमीन की कीमतों को देखते हुए अब व्यावसायिक भवन का नक्शा पास कराने वालों से विशेष सुख-सुविधा शुल्क लेगी। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
Trending Videos
दरअसल, जिस क्षेत्र में मेट्रो रेल व रोपवे जैसी सुविधाएं हैं वहां जमीन की कीमत के साथ ही व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। इसीलिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने विशेष सुख सुविधा शुल्क लेने का फैसला किया है। यह शुल्क व्यवसायिक नक्शा पास कराने वालों से विकास प्राधिकरण वसूलेंगे। इसके लिए उप्र. नगर योजना और विकास (संशोधन) अधिनियम-2023 में दी गई व्यवस्था के आधार पर उप्र. नगर योजना और विकास (विशेष सुख सुविधा शुल्क निर्धारण वसूली व संग्रहण) नियमावली को मंजूरी दी गई है। आवास विभाग का मानना है कि शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण नगरीय सुविधाएं देने में इससे विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
अब कम जमीन पर भी बन सकेंगे ऊंचे भवन
राज्य सरकार ने शहरों में कम जमीन पर अधिक ऊंची इमारत बनाने की सुविधा दे दी है। बिल्डर पैसे जमा कर अतिरिक्त फ्लोर यानी फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) खरीद सकेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।
आवास विभाग ने बिल्डरों या फिर किसी को भी शासनादेश के आधार पर अतिरिक्त फ्लोर खरीद कर बनाने की सुविधा दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि नियमावली बनाने के बाद ही इसकी वसूली की जा सकती है। इसके आधार पर आवास विभाग ने उप्र. नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 में दी गई व्यवस्था के आधार पर उप्र. नगर योजना और विकास (क्रययोग्य एफएआर शुल्क का निर्धारण व वसूली) नियमावली बनाई थी जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।