{“_id”:”67bae98f2c1ea0aae608b926″,”slug”:”order-issued-to-install-smart-meters-in-government-offices-and-buildings-till-31-march-2025-02-23″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP News: सरकारी कार्यालयों व भवनों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने का आदेश जारी, 31 मार्च तक दिया गया समय”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
प्रतीकात्मक तस्वीर। – फोटो : amar ujala
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प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियां बार-बार निर्देशों के बाद भी अभी तक सिर्फ 15 फीसदी सरकारी भवनों पर ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा पाई हैं। ये सरकारी भवनों के बजाय घरेलू उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाने में ज्यादा रुचि ले रही हैं। इसकी वजह से केंद्र से मिलने वाला अनुदान फंसता नजर आने लगा है। इस पर पावर काॅर्पोरेशन प्रबंधन ने सभी निगमों को 31 मार्च तक सरकारी भवनों पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं पांच फीसदी चेक मीटर लगाने और पुराने व नए मीटरों का हर माह मिलान करने के ऊर्जा मंत्रालय के आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है।
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पावर कॉरपोरेशन द्वारा कुल 2 करोड़ 59 लाख 57 हजार 26 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। पांच फरवरी तक करीब 9 लाख 79371 स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर में लगाए गए हैं। वहीं सरकारी भवनों व कार्यालयों में कुल एक लाख 15055 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगना था, लेकिन यह आंकड़ा सिर्फ 17440 तक ही पहुंच पाया है। यह लक्ष्य का सिर्फ 15 फीसदी है।
अब पावर काॅरपोरेशन ने 31 मार्च तक सभी कार्यालयों पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नए आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि सभी विद्युत वितरण निगमों में पांच प्रतिशत पुराने मीटर को ही चेक मीटर के रूप में स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। अभी तक 45734 चेक मीटर स्थापित किए गए हैं, लेकिन दोनों मीटरों की मिलान करने की जरूरत नहीं समझी गई। उन्होंने काॅर्पोरेशन से मांग की कि यदि मिलान किया गया है तो उससे संबंधित डाटा सार्वजनिक किया जाए।
अनुदान फंसता देखा तो किया अनिवार्य
पावर काॅर्पोरेशन के अध्यक्ष डाॅ. आशीष कुमार गोयल ने सभी सरकारी कार्यालयों/भवनों पर स्मार्ट मीटर लगाने का आदेश दिया है। यह भी कहा है कि एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर (एएमआईएसपी) योजना के तहत ये कार्य हर हाल में 31 मार्च तक पूरा करना है। उन्होंने सख्त निर्देश दिया है कि इस तारीख तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर स्थापित नहीं होने की स्थिति में केंद्र सरकार की ओर से आरडीएसएस योजना के तहत दिया जाने वाला अनुदान रोका जा सकता है। ऐसे में तय किए गए लक्ष्य के अनुसार स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही पूरी की जाए।