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सीएम योगी के साथ डिप्टी सीएम केशव मौर्य। – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
विधान परिषद ने उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक, 2024 पर विचार करने के लिए 11 सदस्यीय प्रवर समिति का गठन कर दिया है। इस समिति के सभापति सीएम योगी आदित्यनाथ होंगे, जबकि डिप्टी सीएम व विधान परिषद में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य को पदेन सदस्य नामित किया गया है। इस संबंध में विधान परिषद के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश सिंह ने अधिसूचना जारी कर दी है।
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जारी अधिसूचना के अनुसार, इस समिति का कार्यकाल दो माह का होगा। यहां बता दें कि ये विधेयक विधानसभा में पास हो चुका है। लेकिन, एक अगस्त 2024 को जब विधान परिषद में लाया गया तो इसे प्रवर समिति को भेजने का फैसला हुआ। विधान परिषद की गठित प्रवर समिति में डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त, लालजी प्रसाद निर्मल, डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी, डॉ. केपी श्रीवास्तव, आशुतोष सिन्हा, विच्छे लाल राम, योगेश चौधरी, ध्रुव कुमार त्रिपाठी और राज बहादुर सिंह चंदेल को सदस्य नामित किया गया है। यहां बता दें कि विधानसभा में भी सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की मांग की थी, लेकिन वहां से यह पास हो गया था।
क्या है विधेयक
उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति विधेयक, 2024 के अनुसार, उत्तर प्रदेश में स्थित नजूल भूमियों का निजी व्यक्ति या निजी संस्था के पक्ष में पूर्ण स्वामित्व के रूप में प्रतिवर्तन (हक) नहीं किया जाएगा। नजूल भूमि के पूर्ण स्वामित्व परिवर्तन संबंधी किसी भी न्यायालय की कार्यवाही या प्राधिकारी के समक्ष आवेदन निरस्त हो जाएंगे और अस्वीकृत समझे जाएंगे। यदि इस संबंध में कोई धनराशि जमा की गई है, तो ऐसे जमा किए जाने की तारीख से उसे भारतीय स्टेट बैंक की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) की ब्याज दर पर धनराशि वापस की जाएगी।