सीएम योगी ने आउटसोर्सिंग कर्मियों के शोषण की परंपरा को खत्म करने के लिए उनकी नियुक्ति के लिए कॉर्पोरेशन के गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में 100 एकड़ में पीपीपी मोड पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर जिला अप्वॉइंटमेंट जोन विकसित होंगे। आउटसोर्सिंग वाले कर्मियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से वेतन के 16 से 18 हजार रुपये भेजे जाएंगे।
योगी ने कहा कि आज यूपी का पोटेंशियल पूरी दुनिया देख रही है, मगर यह चीजें पहले भी हो सकती थीं। कभी लेबर फोर्स की पहचान रखने वाला यूपी आज देश का इकोनॉमिक फोर्स बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिजिटल क्रांति आई है। प्रदेश में 8 वर्ष पहले 122.84 करोड़ का डिजिटल ट्रांजेक्शन था, जो 2024-25 में बढ़कर (दिसंबर 2024 तक) 1024.41 करोड़ हो चुका है।
सीएम ने कहा कि डीबीटी बजरंग बली की गदा है, जो बेईमानी व भ्रष्टाचार पर प्रहार कर रही है। लाभार्थी का पैसा सीधे खाते में पहुंच रहा है। प्रदेश में एक वर्ष में 9.08 करोड़ से अधिक लोगों तक 1,11,637 करोड़ का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया है। इससे प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। प्रदेश में अप्रैल 2000 से जून 2017 तक 3303 करोड़ रुपये का एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेश निवेश) आया था। जबकि 2017 से 2024 तक यूपी में 14,008 करोड़ रुपये से अधिक का एफडीआई आया है।
पहले माफिया दौड़ाता था, पुलिस भागती थी
योगी ने कहा कि प्रदेश में पहले माफिया दौड़ाता था, पुलिस भागती थी। माफिया को पुलिस सैल्यूट करती थी। अब परसेप्शन बदला है। देश और दुनिया के लोग यूपीवासियों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। जिस प्रदेश में कोई निवेश करने नहीं आता था, आज वह देश के सबसे बड़ा निवेश क्षेत्र बनकर उभरा है। ये वही प्रदेश है, जहां माफिया के सामने सारे प्रोटोकॉल फेल हो जाते थे। एक माफिया ने हाईकोर्ट के जज का काफिला रोक दिया था। वही माफिया जब इस सरकार में पुलिस के सामने आया तो उसकी पैंट गीली हो गई। सीएम योगी ने कहा कि शासन धमक से चलता है, और वही धमक आज प्रदेश के अंदर माफियाओं को दिखाई दे रही है।