गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन अपने सम्मानित यात्रियों को संरक्षित, सुरक्षित,आरामदायक यात्रा के साथ ही स्वच्छ एवं साफ-सुथरा रेल परिसर एवं कोच उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है। यात्री जनता को रेल परिसर तथा ट्रेनों में स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने हेतु रेलवे प्रशासन द्वारा अनेक प्रभावी कदम उठाये जा रहे है। एक तरफ जहां स्टेशनों पर प्लेटफार्मों की साफ-सफाई मैकेनाइज्ड तरीके से किया जा रहा है वहीं कोचों की सफाई तथा धुलाई हेतु अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के औंड़िहार, छपरा, बनारस, गोमती नगर एवं सी.बी.गंज सहित कोचिंग डिपो गोरखपुर में भी कोचों की धुलाई हेतु ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट लगाया गया है।
कोचिंग डिपो गोरखपुर में ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट की स्थापना 25 जनवरी, 2025 को किया गया था। इससे पिट 01 पर आने वाली सभी गाड़ियों के बाहरी भाग की धुलाई स्वतः मशीन से हो जाती है। 22 कोच के 01 रेक को धुलने में 03 मैन पॉवर तथा 10-12 मिनट का समय लगता है, जबकी मैनुअल धुलाई में 06 मैन पावर और 180 मिनट का समय लगता था। इसके अतिरिक्त पुरानी प्रणाली के तहत 22 कोच की रेक की धुलाई हेतु कुल पानी की खपत 6600 लीटर के सापेक्ष ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट द्वारा मात्र 1320 लीटर प्रति रेक (22 कोच) का खपत होता है। इस प्रकार प्रति रेक लगभग 5280 लीटर पानी की बचत के साथ ही साथ समय एवं धन की बचत भी हो रही है।
पूर्वोत्तर रेलवे पर औंड़िहार, छपरा, बनारस, गोमती नगर एवं सी.बी.गंज सहित कोचिंग डिपो गोरखपुर को भी ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट से लैस किया जा चुका है। ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट द्वारा कोचों की बाहरी सतह पर जमी हुई धूल एवं गंदगी तथा शौचालय के निचले हिस्से की भी सफाई कर उसे संक्रमण मुक्त बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट परंपरागत धुलाई की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत पानी का उपयोग करता है, जिससे ट्रेन की धुलाई में लगभग 80 प्रतिशत पानी की बचत होती है। यह प्लांट समय की बचत के साथ ही साथ यानों की साफ-सफाई उच्च गुणवत्तापूर्वक तरीके से करता है।